
Indian Army started Vocational Training Center in Budhwal
Indian Army started Vocational Training Center in Budhwal आज़ादी के अमृत महोत्सव के तरह कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर घर तिरंगा अभियान ज़ोरो पर है. आम आदमी से लेकर सरहद पर सुरक्षा के लिए तैनात जवान भी अपने देश की आन, बान, शान और अभिमान यानी कि तिरंगे को है हर घर तक पहुंचाने की मुहिम में लगे हुए हैं. इसी मुहिम के तहत सेना ने एलओसी से दो किलोमीटर दूर एक गांव में वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर शुरुआत की है. इस सेंटर से जुड़कर गांव की कई महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है. साथ ही यह महिलाएं गांव की और लोगों को भी इस मुहीम से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.
इंडियन आर्मी ने शुरू किया वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर
लाइन ऑफ कंट्रोल से दो किलोमीटर दूर अखनूर के क्षेत्र में एक गांव है बुधवाल जहां कुछ महीनों पहले सिर्फ खामोशी थी लेकिन आज यहां की सर्द हवाओं में देशप्रेम की गर्माहट महसूस होती है. दरअसल, क्रॉस स्वॉर्ड्स डिविजन ऑफ इंडियन आर्मी ने बुधवाल में वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की है.
तिरंगा अभियान से जुड़कर महिलाए बन रही आत्मनिर्भर
इसके तहत उन्होंने इस गांव के महिलाओं को हर घर तिरंगा अभियान से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया है. दरअसल, यह गांव की वो महिलाएं हैं जो अपने पैरों पर खड़े होकर अपने परिवार के लिए कुछ करना चाहती हैं. इन्हीं महिलाओं को सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस वोकेशनल ट्रेनिंग की शुरुआत की गई. सेना ने अब तक इसी तरह की 50 से भी ज्यादा महिलाओं को इस अभियान से जोड़ा है.

इस मुहिम से महिलाओं को जोड़ने के लिए चलाई जा रही मुहीम
इससे पहले इन्हें कुछ दिनों की ट्रेनिंग दी गई और अब यह पिछले दस दिनों से तिरंगे बना रही हैं. अब तक यह महिलाएं एक हज़ार से भी ज्यादा तिरंगे बना चुकी हैं. इन तिरंगों को सेना की विभिन्न बटालियन और कार्यस्थल पर लगाया गया है. साथ ही साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस मुहिम में जोड़ने के लिए लोगों को भी अपने घर पर तिरंगा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. क्रॉस स्वॉर्ड्स ऑफ डिवीजन ऑफ इंडियन आर्मी की इस पहल से देशप्रेम की भावना तो प्रबल हो ही रही है लेकिन साथ ही साथ जरूरतमंद महिलाएं आत्मनिर्भर बन रोजगार भी पा रही हैं.