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Haryana Roadways की पहली महिला मैकेनिक... करती हैं बसों की मरम्मत... पिता के निधन के बाद संभाली पूरे घर की जिम्मेदारी

गांव राजली से ताल्लुक रखने वाली सोनी ने न केवल अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभाला है, बल्कि एक ऐसे क्षेत्र में पहचान बनाई है जहां आज भी महिलाएं सिर्फ गिनती की हैं.

Female Mechanic in Haryana Roadways Female Mechanic in Haryana Roadways

हरियाणा की मशहूर कहावत "हरियाणा की छोरियां, छोरो से कम नहीं होतीं" को सच कर दिखाया है हिसार की बेटी कुमारी सोनी ने. गांव राजली से ताल्लुक रखने वाली सोनी ने न केवल अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभाला है, बल्कि एक ऐसे क्षेत्र में पहचान बनाई है जहां आज भी महिलाएं सिर्फ गिनती की हैं. सोनी हरियाणा रोडवेज की वर्कशॉप में मैकेनिकल हेल्पर के तौर पर काम करती हैं. 

कमाल की मैकेनिक हैं सोनी 
हिसार रोडवेज डिपो में कार्यरत सोनी रोजाना बसों की मरम्मत करती हैं. भारी-भरकम टायरों को उठाना हो या ब्रेक खोलना, इंजन की जांच हो या दूसरा तकनीकी काम – सोनी हर काम को पूरी जिम्मेदारी और दक्षता से निभाती हैं. उनके सहकर्मी भी मानते हैं कि सोनी जिस हिम्मत और लगन से काम करती हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है. कई बार तो लोग उन्हें काम करते देख हैरान रह जाते हैं, क्योंकि यह काम आमतौर पर पुरुषों का माना जाता है.

पिता के निधन के बाद संभाला परिवार
सोनी आठ भाई-बहनों में तीसरे नंबर की बेटी हैं. उनके पिता का निधन 27 जनवरी 2019 को लंबी बीमारी के बाद हो गया था. उनके जाने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी सोनी के कंधों पर आ गई. 31 जनवरी 2020 को उन्होंने हिसार डिपो में ग्रुप-डी के मैकेनिकल हेल्पर पद पर जॉइन किया और तभी से वे लगातार अपने काम में लगी हुई हैं. आज सोनी की आमदनी से ही पूरे परिवार का गुजारा होता है. उनकी मां मीना देवी एक गृहिणी हैं. 

खेलों से नौकरी तक का सफर
सोनी का बचपन से ही खेलों के प्रति रुझान रहा. उनके पिता चाहते थे कि उनकी बेटी खिलाड़ी बनकर देश का नाम रोशन करे. इस सपने को सोनी ने भी जीया. उन्होंने मार्शल आर्ट में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर तीन बार स्वर्ण पदक जीतकर खुद को साबित किया. इसके बाद उन्हें खेल कोटे के माध्यम से सरकारी नौकरी मिली. इसके पहले वे कबड्डी में भी भाग ले चुकी थीं.

काम ही फैशन है 
सोनी का मानना है कि काम ही उनका फैशन है. उन्होंने कहा कि जहां आज की लड़कियां मेकअप और ट्रेंड्स में समय लगाती हैं, वहीं उन्होंने अपने काम को अपनी पहचान बना लिया है. वह कहती हैं, "लड़कियों को मेहनत और हुनर से अपने परिवार का नाम रोशन करना चाहिए. परिवार को भी बेटियों को स्पोर्ट्स और अन्य क्षेत्रों में बढ़ावा देना चाहिए." फिलहाल, सोनी अविवाहित हैं और पूरी तरह अपने काम व परिवार को समर्पित हैं.

सहकर्मियों की नज़रों में आदर्श
हिसार डिपो में हैड मिस्त्री अजीत सिंह बताते हैं कि सोनी रोजाना कम से कम दो बसों की मरम्मत करती हैं. वे कहते हैं, "टायर बदलने से लेकर ब्रेक और अन्य मशीनरी तक, सोनी हर काम में दक्षता दिखाती हैं. उनके जज़्बे और मेहनत ने महिला कर्मचारियों के लिए एक नई राह खोली है."

हरियाणा की बेटियों के लिए मिसाल
राजली गांव की कुमारी सोनी आज हरियाणा की बेटियों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं. एक छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि यह भी दिखाया कि मेहनत, हुनर और हौसले से कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता. सोनी की कहानी केवल एक लड़की की नहीं, बल्कि उस सोच की है जो कहती है – "जहां चाह, वहां राह."

(प्रवीण कुमार की रिपोर्ट)