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History of Aam Panna: गर्मियों मे बेस्ट कूल ड्रिंक है आम पन्ना, आयुर्वेद में मिलता है जिक्र, जानिए इसकी खट्टी-मीठी कहानी

History of Aam Panna: बहुत से लोगों के लिए आम पन्ना सिर्फ Summer Coolent Drink नहीं है बल्कि यह बहुत से लोगों के लिए उनकी यादों का अहम हिस्सा है. शायद ही कोई हो जिन्होंने गर्मी की छुट्टियों में दादी-नानी के हाथ का बना आम पन्ना न पिया हो. आज दस्तरखान में जानिए आम पन्ना की कहानी

History of Aam Panna History of Aam Panna

गर्मी का मौसम मतलब आम का मौसम. देश का शायद ही ऐसा कोई कोना हो जहां आम और आम की खुशबू नहीं पहुंचती है. आम की सबसे अच्छी किस्म को लेकर अक्सर लोगों के बीच वाद-विवाद होता है तो दूसरी तरफ आम से बनने वाले व्यंजन, ड्रिंक्स और शेक आदि की रेसिपीज की शेयरिंग चालू रहती है. लेकिन एक ऐसी रेसिपी है जो इतनी फेमस हुई की अब फूड कंपनियों भी इसे देश-दुनिया में पहुंचा रही हैं और यह है आम पन्ना. 

जी हां, गर्मियों में ठंडा रहने वाला आम पन्ना, विटामिन सी, बी और बी12 से भरपूर आम से जुड़ी सबसे फेमस रेसिपी और समर कूलर ड्रिंक है. शायद ही कोई होगा जिसे आम पन्ना पसंद न हो. एक जमाना था जब गर्मियां शुरू होते ही घरों में आम पन्ना बनाकर रख दिया जाता था और बच्चे से लेकर बड़े तक इसे पीते थे ताकि लू न लगे. आज आम पन्ना की कई अलग-अलग रेसिपी हमारे यहां हैं पर सवाल यही है कि आखिर आम पन्ना की कहानी कहां से शुरू हुई. आज दस्तरखान में हम आपको बता रहे हैं कहानी आम पन्ना की. 

कहां से आया आम पन्ना
वैसे तो आम की बहुत सी कहानियां और किस्से मुगलों से जुड़े हैं. लेकिन भारतीय शिक्षाविद, आलोचक और इतिहासकार पुष्पेश पंत के अनुसार, हल्के पके हरे आम और काले नमक, जीरा और सौंफ से बना मुंह में पानी लाने वाला तीखा और ताज़ा पेय, आम पन्ना को हमारे पूर्वजों ने ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन के रूप में तैयार किया था. हालांकि, बहुत से लोगों की मान्यता है कि आम पन्ना की रेसिपी या तो बाबर या अकबर की रसोई से आई थी, लेकिन पंत इस बात को खारिज करते हैं. 

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उनके मुताबिक, प्राचीन आयुर्वेदिक साहित्य के साथ-साथ कालिदास के लेखन में भी आम पन्ना का उल्लेख मिलता है, जो मुगलों के भारत आने से बहुत पहले का है. पन्ना संस्कृत शब्द 'पानिया' से लिया गया है जिसका मतलब है कुछ पीना. हालांकि, अकबर के दरबार के 16वीं शताब्दी के रिकॉर्ड, या बाबर के संस्मरण, बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी में पन्ना का उल्लेख हो सकता है, लेकिन पंत ने अपने एक साक्षात्कार में बताया कि यह फल, रेसिपीज के साथ, मुगलों के आगमन से पहले भारत में था. एलन डेविडसन की किताब, ऑक्सफोर्ड कम्पेनियन टू फूड के अनुसार, आम की खेती भारत में 2,000 ईसा पूर्व या उससे पहले से की जाती रही है, और भारतीय आम, मैंगीफेरा इंडिका, एक जंगली प्रजाति का वंशज है जो अभी भी पूर्वोत्तर भारत में पाया जाता है.

किसी एक जगह का नहीं है आम पन्ना 
आम पन्ना के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह पूरे भारत में उतना ही लोकप्रिय है जितना कि खुद आम. आम पन्ना बनाने के लिए आपको कोई खास वैरायटी नहीं चाहिए बल्कि आप किसी भी हल्की पकी कैरी से इसे बना सकते हैं. और हर एक इलाके में आम की वैरायटी की तरह आम पन्ना की भी अपनी-अपनी रेसिपीज हैं. भारत के उत्तर, पश्चिम और पूर्वी हिस्सों में पन्ना के अपने-अपने संस्करण हैं. 

पूर्व में, 'आम पोरा' बनाते हैं. यहां हरे आमों को भर्ता की तरह खुली आंच पर भूना जाता है, और फिर बेस कॉन्संट्रेट के लिए उसका गूदा निकाला जाता है. महाराष्ट्र में, 'पन्हा' तकनीक में गुड़ और जायफल या चीनी और इलायची का उपयोग किया जाता है; जबकि उत्तर भारत में, हम पन्ना देखते हैं जिनमें केसर आम का उपयोग किया जाता है. गोवा में, पन्ना बनाने के लिए माल्गेश, कुलास, खूंट और बिसपुर आम जैसी स्थानीय किस्मों का उपयोग करते हैं. बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड एक जैसी रेसिपी इस्तेमाल होता है और इसे आम झोरा कहा जाता है. 

आम पन्ना के हैं कई फायदे 
कच्चा आम स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है और इसलिए, इसका इस्तेमाल चटनी, ड्रिंक और करी में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. कच्चे आम के आयुर्वेदिक गुण खट्टे, कसैले और ठंडे होते हैं. अगर आप गर्मी में थका हुआ और चिड़चिड़ा महसूस करते हैं, तो पन्ना पिएं. इसमें मौजूद पोटेशियम आपको ठंडा करेगा और एंजाइम पाचन में सहायता करेंगे. कच्चे आम में मौजूद फाइबर और विटामिन सी और बी आंतों को साफ करने में मदद करते हैं. सही फायदे के लिए बाजार से खरीदने की बजाय घर में आपको आम पन्ना बनाना चाहिए.