
 Independence day Invitation Card
 Independence day Invitation Card  Independence day Invitation Card
 Independence day Invitation Card हर साल 26 जनवरी को हमारे देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. इस दिन भारत सरकार अधिनियम 1935 की जगह भारतीय संविधान लागू हुआ था. इस साल गणतंत्र दिवस के खास अवसर पर राष्ट्रपति भवन में देश-विदेश से कई बड़ी हस्तियों तो आमंत्रित किया गया है. जिसके लिए एक खास आमंत्रण पत्र तैयार किया गया है. इस खास आमंत्रण पत्र में भारत देश के दक्षिणी क्षेत्र से खास कारिगरों के हेंडक्राफ्टेड चीजों को दर्शाया गया है.
इस आमंत्रण पत्र में पोचमपल्ली इकत फैब्रिक, एतिकोप्पाका खिलौने, गंजीफा कला, पेंच-पाइन बुनाई, कांचीपुरम रेशम और बांस का बक्से को शामिल किया गया है. ये सभी स्थिरता, समावेशिता और सादगी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इसका उद्देश्य एक जिला एक प्रेडक्ट और जियोग्राफिकल इंडिकेशन है. तो चलिए जानते हैं कि इस आमंत्रण पत्र में दर्शाई गई चीजों का महत्व और खासियत क्या है.
1. पोचमपल्ली इकत फैब्रिक
पोचमपल्ली फ्रेब्रिक तेलंगाना राज्य के पोचमपल्ली जिला में तैयार किया जाता है. इस कपड़े को हथकरघे की मदद से बिना बिजली के इस्तेमाल के तैयार किया जाता है. पोचमपल्ली इकत हैंडलूम कपड़ा पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ है. जिसे चमकीले और बोल्ड रंगों से लेकर छोटे और मिट्टी के रंगों से तैयार किया जाता है. पारंपरिक रूप से इसे कपास, रेशम या दोनों के मिश्रण के धागों से बनाया जाता है. इन कपड़ों पर बनी डिजाइनों में अक्सर फूल, जानवर और ज्यामितीय आकार होते हैं, जो पोचमपल्ली क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं.

2. एतिकोप्पाका खिलौने
एतिकोप्पाका खिलौने को आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले का 'इटिकोप्पका' गांव में तैयार किया जाता है. इन खिलौनों को इस गांव में रहने वाले लोगों की छाया के रूप में देखा जा सकता है- सरल, मासूम और सुंदर. जो कि हाथ से बने लकड़ी और लाख से तैयार किया जाता है. ये खिलौने अपने अंदर एक ऐतिहासिकता रखते हैं जो आज के बच्चों को अतीत के बच्चों से जोड़ता है. इस शिल्पकला में शामिल कारीगरों को नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन, यूनेस्को सीसीआई सील/हस्तशिल्प के लिए उत्कृष्टता पुरस्कार मिल चुके हैं. साथ ही 2017 में इन खिलौनों को भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया था.

3. गंजीफा कला
गंजीफा एक पारंपरिक भारतीय कार्ड गेम है जो भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत में गहराई से कला के रूप में भी दर्शाता है, जिसे मुगल काल के दौरान भारत में पेश किया गया था. गंजीफा ताश मैसूर की खासियत है. आंमत्रण पत्र में मौजूद गंजीफा ताश को आप फ्रिज मैग्नेट के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.

4. स्क्रू-पाइन बुनाई
पेंच पाइन, जिसे पांडनस के नाम से भी जाना जाता है, केरल में बड़े पैमाने पर तैयार किया जाता है. इसे स्कू-पाइन की पत्तियों से कलात्मक वस्तुएं, जैसे - चटाई और टोकरियां बनाई जाती हैं. यहां इस शिल्प को हाथ से बुने हुए बुकमार्क में दर्शाया गया है.

5. कांचीपुरम रेशम
कांचीपुरम रेशम, तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में बनने वाला एक प्रसिद्ध रेशम है. कांचीपुरम रेशम की खासियत यह है कि यह शुद्ध शहतूत रेशम से बनी होती है और इसमें सोने या चांदी के धागे का काम होता है. कांचीपुरम रेशम अपनी समृद्धि और सुंदरता के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. इसे आमंत्रण पत्र में एक सुंदर हैंडक्राफ्टेड थैली के रूम में प्रदर्शित किया गया है.

6. बांस का बक्सा
राष्ट्रपति भवन से मिलने वाला यह आमंत्रण बांस से बनी बॉक्स में ही दिया गया है. ये दक्षिण भारत की प्रचलित पारंपरिक शिल्प कला है, जिसे टिकाऊ और रिसाइकल होने वाली वस्तुओं से तैयार किया जाता है. ये राष्ट्रीय बांस मिशन (NBM) को दर्शाता है. इस बॉक्स को कलमकारी कला से सजाया गया है, जो आंध्र प्रदेश की एक कपड़ा पेंटिंग कला है.
