आप मार्केट में मिलने वाला अशुद्ध घी नहीं खाना चाहते हैं, लेकिन समझ भी नहीं आ रहा कि शुद्ध घी कहां से लें? तो आज हम बता रहे हैं घर में ही दूध की मलाई से घी बनाने का आसान तरीका. इससे आपको रोज-रोज दही जमाने या उसे मथने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप बस दूध की मलाई इकट्ठा करते रहें और फिर एक-डेढ़ महीने में एक बार घी निकालें.
घी के साथ-साथ आप इससे छाछ और मिठाई भी बना सकेंगे. यहां हम आपको Step-by-Step प्रोसेस बताएंगे, जिससे आप बिना किसी मशीन के शुद्ध देसी घी, छाछ और मिठाई बना सकते हैं.
स्टेप 1: दूध से मलाई इकट्ठा करना
रोज़ाना जब आप दूध उबालें, तो उसे ठंडा करके फ्रिज में रखें.
कुछ ही घंटों में इसके ऊपर मलाई की मोटी परत जम जाएगी.
ऊपर जमी हुई मलाई को एक साफ बर्तन (स्टील/ग्लास) में निकालते जाएं.
इस तरह रोज़ की मलाई इकट्ठा करते रहें जब तक अच्छी मात्रा में मलाई जमा न हो जाए.
टिप: दूध जितना फुल क्रीम होगा, मलाई उतनी ही ज्यादा निकलेगी.
स्टेप 2: मक्खन बनाना (मलाई से)
एक बड़े बर्तन में जमा की हुई मलाई निकालें.
उसमें थोड़ा ठंडा पानी डालें और मथनी या हैंड ब्लेंडर से मथें.
कुछ ही मिनटों में मक्खन मलाई से अलग हो जाएगा और सफेद रंग का मक्खन ऊपर तैरने लगेगा.
मक्खन को निकाल लें और अब जो बचा हुआ है वह छाछ है.
टिप: मक्खन निकालते समय बर्फ के कुछ टुकड़े डाल दें तो मक्खन जल्दी निकलता है.
स्टेप 3: मक्खन से घी बनाना
एक कढ़ाई में मक्खन डालें और धीमी आंच पर पकाएं.
मक्खन पिघलकर धीरे-धीरे उबलने लगेगा और झाग बनेगा.
कुछ समय बाद झाग हटने लगेगा और नीचे हल्का भूरा रेसिड्यू दिखेगा- इसका मतलब घी तैयार है.
घी को छानकर किसी स्टील या कांच की बोतल में भर लें.
टिप: घी को ज़्यादा देर तक न पकाएं, वरना जल सकता है.
स्टेप 4: छाछ का उपयोग
मक्खन निकालने के बाद जो बचता है, उसे ही छाछ कहते हैं.
इस छाछ को आप आटा गुंथने या कढ़ी बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
स्टेप 5: मिठाई बनाएं
जो भूरा रेसिड्यू घी छानते समय बचा, उसे फेंके नहीं.
उसमें थोड़ा आटा (गेहूं या बेसन) मिलाकर हल्की आंच पर भूनें.
फिर स्वाद अनुसार चीनी या गुड़ डालें और अच्छे से मिलाएं.
चाहें तो ड्राई फ्रूट्स भी डाल सकते हैं.
मिश्रण को ठंडा होने दें और लड्डू या बर्फी बना लें.
घर की मलाई से शुद्ध देसी घी, छाछ, स्वादिष्ट मिठाई सबकुछ बन सकता है, वह भी बिना किसी मिलावट के. यह रेसिपी मैंने अपनी सास से सीखी है. लगभग सभी घरों में हमारी मां, सास, दादी या नानी के पास इस तरह के बहुत से घरेलू तरीके होते हैं जो किसी भी जमाने में पुराने नहीं होते हैं.