

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने सरकारी निवास में एक खास और अनोखी घड़ी का अनावरण किया है. यह घड़ी भारत की प्राचीन काल गणना पर आधारित विश्व की पहली वैदिक घड़ी है. इसका नाम रखा गया है विक्रमादित्य वैदिक घड़ी. खास बात यह है कि मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री निवास देश का पहला ऐसा शासकीय आवास बन गया है, जहां भारतीय परंपरा और विज्ञान को ध्यान में रखते हुए यह घड़ी लगाई गई है.
वैदिक काल गणना पर आधारित
यह वैदिक घड़ी सामान्य घड़ी से बिल्कुल अलग है. यह सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर समय की गणना करती है. इसमें GMT (ग्रीनविच मीन टाइम) के 24 घंटे को 30 मुहूर्त या घटी में बांटा गया है. हर मुहूर्त का भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है, जिसे इस घड़ी में दिखाया जाता है.
समय के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक जानकारी भी
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी में सिर्फ घंटे, मिनट और सेकेंड की सुई नहीं है, बल्कि इसके साथ पंचांग, मुहूर्त, मौसम, और अन्य धार्मिक जानकारियां भी प्रदर्शित होती हैं. यानी कि समय के साथ-साथ यह घड़ी आपको भारतीय धार्मिक संस्कारों की भी जानकारी देती है.
ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी पता चलेगी
इस घड़ी की सबसे खास बात यह है कि यह ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति को भी दर्शाती है. इसमें यह बताया जाता है कि चंद्रमा किस नक्षत्र में है, सूर्य किस राशि में है और भी कई ज्योतिषीय जानकारियां उपलब्ध होती हैं. यानी, यह केवल एक टाइम कीपर नहीं बल्कि भारतीय ज्योतिष और संस्कृति का प्रतीक भी है, जो समय के साथ जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं को भी दर्शाता है.
मध्यप्रदेश में भारतीय संस्कृति और विज्ञान का संगम
इस घड़ी को स्थापित करने का मकसद भारतीय संस्कृति, परंपरा और विज्ञान को आम जन तक पहुंचाना है. मुख्यमंत्री निवास में इस घड़ी के आने से यह संदेश जाता है कि हमारी परंपराएं और विज्ञान आज भी उतने ही प्रासंगिक और उपयोगी हैं जितने सदियों पहले थे.
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह घड़ी हमारे सांस्कृतिक इतिहास और वैज्ञानिक ज्ञान का प्रतीक है. इस तरह की पहल से लोग अपनी जड़ों से जुड़ेंगे और भारतीय ज्ञान को आधुनिक समय में भी समझ पाएंगे.
इनपुट- रवीश पाल की रिपोर्ट
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