
मध्य प्रदेश का इंदौर देश का “सबसे स्वच्छ शहर” है और अब यह देश का पहला “डिजिटल शहर” बनने जा रहा है. जी हां, इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है, जिसने अपने नए डिजिटल एड्रेस सिस्टम को राष्ट्रीय DigiPIN प्लेटफ़ॉर्म से जोड़ा है.
रविवार को महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वार्ड 82 के सुदामा नगर क्षेत्र में इस अभिनव “डिजिटल पता” सर्विस के पायलट फेज की शुरुआत की. इस पहल के अंतर्गत हर घर को एक यूनिक QR कोड बेस्ड एड्रेस प्लेट दी जा रही है, जो ई-गवर्नेंस और सिटीजन सर्विसेज के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है.
देश का पहला डिजिटल शहर- इंदौर
इंदौर में सुदामा नगर के हर घर को एक यूनिक QR कोड प्लेट दी जाएगी. QR को स्कैन करने पर घर के पते और संबंधित सेवाओं का सुरक्षित ऑनलाइन पेज खुलेगा. इसका उपयोग कई कामों के लिए किया जा सकेगा जैसे पानी, संपत्ति कर जैसे बिलों का भुगतान, ऑनलाइन शिकायत दर्ज करना या प्रमाण पत्र की मांग, और एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाओं के लिए सटीक लोकेशन.
हर डिजिटल पते के साथ घर के सामने एक QR कोड प्लेट लगेगी. इसमें सुरक्षित रूप से सिर्फ मूलभूत जानकारी रहेगी. प्राइवेसी को प्राथमिकता दी गई है- नाम या मोबाइल नंबर जैसे व्यक्तिगत विवरण सिर्फ निवासी को दिखेंगे. इस सिस्टम में पहले से रिकॉर्डेड जियो-कोऑर्डिनेट्स दिए गए हैं, जिससे GPS से भी ज्यादा सटीकता से आपातकालीन सेवाएं तुरंत सही जगह तक पहुंच सकेंगी.
नेशनल DigiPIN प्लेटफ़ॉर्म से जुड़ा इंदौर
इंदौर देश का पहला ऐसा शहर बन गया है, जिसने स्थानीय डिजिटल एड्रेस सिस्टम को केंद्र सरकार के DigiPIN प्लेटफॉर्म से जोड़ा है.
यह प्लेटफॉर्म भारतीय डाक विभाग, IIT हैदराबाद, NRSC, और ISRO के सहयोग से विकसित किया गया है, जो हर संपत्ति को एक विशिष्ट, सटीक डिजिटल कोड देता है.
महापौर भार्गव ने यह भी बताया कि इंदौर नगर निगम ने अब तक 1 करोड़ से अधिक दस्तावेजों का डिजिटलीकरण कर लिया है, और अगस्त के अंत तक इंदौर का अपना नगर सेवा पोर्टल लॉन्च कर दिया जाएगा. डिजिटल पते की यह पहल न केवल इंदौर को तकनीकी रूप से सक्षम बना रही है, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर रही है कि कैसे स्मार्ट तकनीक के माध्यम से नागरिक सेवाओं को अधिक पारदर्शी, सुलभ और सटीक बनाया जा सकता है.