भारतीय रेलवे हमेशा से ही हाथियों, घोड़ों और खच्चरों जैसे बड़े जानवरों के लिए परिवहन का एक पसंदीदा साधन रहा है. काफी लोग अपने पालतू जानवरों को ट्रेन में ले जाना चाहते हैं. लेकिन उन्हें ये नहीं पता होता कि इसके लिया क्या प्रोसेस होता है? अपने पालतू जानवरों को ले जाने का एक पूरा प्रोसेस है. भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) से पालतू जानवरों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग की जा सकती है.
AC 1 में कर सकते हैं बुकिंग
अपने कुत्तों के साथ यात्रा करने के इच्छुक यात्री AC 1 में बुकिंग कर सकते हैं. विशेष रूप से 2-बर्थ कूप या 4-बर्थ केबिन में. इसकी मदद से पालतू जानवर अपने मालिक के साथ आराम से यात्रा कर सकते हैं. कुत्तों को एसी 2 टियर, एसी 3 टियर, एसी चेयर कार, स्लीपर क्लास और सेकंड क्लास कम्पार्टमेंट में जाने की अनुमति नहीं होती है.
क्या होंगे बुकिंग चार्ज?
-बाद में कोई हड़बड़ी न हो इसके लिए आपको अपने कुत्तों को ट्रेन के चलने से कम से कम 3 घंटे पहले बुकिंग के लिए लगेज ऑफिस में ले जाना होगा. यह नियम सभी पर लागू होता है चाहे यात्री के पास PRS टिकट हो या IRCTC के माध्यम से ऑनलाइन बुकिंग हो.
-एसी फर्स्ट क्लास कूप में पालतू कुत्तों को ले जाने के लिए लागू दरों के अनुसार निर्धारित सामान शुल्क लिया जाएगा. ये चार्ज नॉर्मल टिकट चार्ज से अलग होता है.
-एक पीएनआर पर केवल एक कुत्ते की ही अनुमति है. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि यात्रा के दौरान प्रत्येक पालतू जानवर के पास पर्याप्त जगह और आराम हो.
-कुत्ते को सुरक्षित ले जाया जा सके ये जिम्मेदारी पूरी तरह से यात्री की है. यात्रा के दौरान पतलू जानवर की भोजन और पानी की व्यवस्था खुद यात्री को ही करनी होगी.
-एक डॉक्टर का सर्टिफिकेट भी बुकिंग के लिए जरूरी होगा. इसमें पालतू जानवर की नस्ल, रंग और लिंग लिखा होना चाहिए.
-अगर साथी यात्री डिब्बे में कुत्ते की मौजूदगी पर आपत्ति जताते हैं, तो कुत्ते को गार्ड की वैन में ले जाया जाएगा. ऐसे मामलों में कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा.
-अगर कोई बिना बुकिंग के बिना कुत्ते ले जाते हुए पकड़े जाते हैं तो ऐसे यात्रियों को दंड का सामना करना पड़ेगा.
पप्पी या पिल्लो को कैसे ले जाएं?
पिल्लों या पपी के साथ यात्रा करने वालों के लिए नियम थोड़े अलग हैं. पिल्लों को एक टोकरी में ले जाया जा सकता है, बशर्ते यात्री के पास एक टिकट और आईडी कार्ड हो. इसके साथ ही, निर्धारित सामान पर जो चार्ज लगता है वही पिल्लों के लिए भी लागू होगा. नस्ल, रंग और लिंग वाला डॉक्टर सर्टिफिकेट इसके लिए भी जरूरी होगा.
ब्रेक वैन भी होगी
जिन पालतू कुत्तों को यात्री डिब्बों में नहीं रखा जा सकता, उनके लिए भारतीय रेलवे एक विकल्प देता है. कुत्तों को ट्रेन मैनेजर या गार्ड की देखरेख में लगेज-कम-ब्रेक वैन में उपलब्ध डॉग-बॉक्स में बुक किया जा सकता है. पैसेंजर अकोमोडेशन के जैसे ही कुत्ते को ट्रेन चलने से कम से कम 3 घंटे पहले बुक किया जाना चाहिए. यात्री के पास यात्रा के लिए एक कन्फर्म रिजर्वेशन टिकट होना चाहिए, एक रसीद (गार्ड की पन्नी) प्रारंभिक स्टेशन पर ट्रेन गार्ड को जमा करनी होगी.
यह भी याद रखें कि जानवरों के किसी भी नुकसान, क्षति या गिरावट के लिए रेलवे जिम्मेदार नहीं होगा. पालतू जानवरों के मालिकों की सारी जिम्मेदारी होगी.