
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक और अनोखी सजा सुनाई है. हाईकोर्ट ने आरोपी को सजा के तौर फलदार पौधे लगाने का आदेश दिया है. ये सजा इसलिए दी गई, क्योंकि थाना प्रभारी ने कोर्ट के आदेश का समय पर पालन नहीं किया था. दोषी थाना प्रभारी को सतना के चित्रकूट क्षेत्र में एक जुलाई से 31 अगस्त 2025 तक 1000 फलदार पौधे लगाने हैं. ये मामला नाबालिग से दुष्कर्म के एक गंभीर मामले से जुड़ा है.
थाना प्रभारी को अनोखी सजा-
जबलपुर हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले की अपील में नोटिस तामील न करवाने पर सतना कोतवाली के टीआई को अनोखी सजा का ऐलान किया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि टीआई चित्रकूट में आम, जामुन, महुआ, अमरूद के 1000 फलदार पौधे लगाएंगे. इसकी बाकायदा जीपीएस लोकेशन भी देनी होगी. इतना ही नहीं, पौधों का निरीक्षण कर एसपी को रिपोर्ट भी करनी होगी. यह अनोखा इको-फ्रेंडली आदेश जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस अवनीन्द्र कुमार सिंह की बेंच ने सुनाया है.
आदेश तामील ना कराने पर सजा-
जबलपुर हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सतना शहर के कोतवाली थाना टीआई रावेन्द्र द्विवेदी को अनोखी सजा दी है. दरअसल पूरा मामला एक नाबालिग से दुष्कर्म मामले में आदेश तामील कराने से जुड़ा है. अक्टूबर 2021 को सतना की कोर्ट ने राम अवतार चौधरी को नाबालिग से दुराचार के आरोप में उम्रकैद दी थी. इस पर अपील दाखिल हुई. हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2024 को पीड़िता को नोटिस जारी किया था. लेकिन नोटिस की तामील अब तक नहीं हो पाई. लिहाजा नाफरमानी पर कोर्ट ने टीआई के खिलाफ इको-फ्रेंडली आदेश जारी किया है.
कब तक लगाने हैं पौधे?
टीआई को फलदार पौधों को 1 जुलाई से 31 अगस्त 2025 के बीच चित्रकूट क्षेत्र में पौधारोपण कर उसकी एक साल तक देखभाल करनी होगी. साथ ही लगाए गए पौधों के फोटो और उनकी जीपीएस लोकेशन की जानकारी कोर्ट में पेश करनी होगी. जिसकी अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी, जिसमें सतना एसपी को पौधों का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करनी होगा.
(वेंकटेश द्विवेदी की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें: