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Heritage Museum: जैसलमेर का थार हेरिटेज म्यूजियम है लोक विरासत का खजाना, संस्थापक लक्ष्मी नारायण ने फिर से जीवित की मरु प्रदेश की विरासत 

Heritage Museum: जैसलमेर का थार हेरिटेज म्यूजियम लोक विरासत का खजाना है. संस्थापक लक्ष्मी नारायण ने इसे फिर से जीवित कर दिया है. कलेक्टर डाबी ने इस युवा संस्थापक के जज्बे तारीफ करते हुए उनकी हौसला अफजाई की.

समृद्ध है मरु प्रदेश की विरासत समृद्ध है मरु प्रदेश की विरासत
हाइलाइट्स
  • थार हेरिटेज म्यूजियम है लोक विरासत का खजाना 

  • समृद्ध है मरु प्रदेश की विरासत 

विश्व विरासत दिवस पर जैसलमेर की युवा कलेक्टर टीना डाबी एक ऐसे म्यूजियम में पहुंची जहां राजस्थान की कला व संस्कृति इस कदर संजोकर रखी हुई है कि कोई भी इसे देखकर अभिभूत हो सकता है. ये म्यूजियम कुछ महीने पहले आग लगने के कारण पूरी तरह जलकर राख हो गया था. लेकिन इस थार म्यूजियम के संस्थापक लक्ष्मी नारायण खत्री ने हार नहीं मानी और हिम्मत दिखा कर इस विरासत को पुनः स्थापित कर नए सिरे से जीवित किया. कलेक्टर डाबी ने इस युवा संस्थापक के जज्बे तारीफ करते हुए उनकी हौसला अफजाई की.

थार हेरिटेज म्यूजियम है लोक विरासत का खजाना 

थार हेरिटेज म्यूजियम में लोक विरासत के खजाने की झलक देखकर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बड़े उत्साह एवं उमंग के साथ प्रसन्नता जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय देश-विदेश के पर्यटकों और शोधार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगा. इस अवसर पर टीना डाबी ने कहा कि क्षेत्र की कला बेजोड़ है यहां की विरासत में सुख एवं समृद्धि के दर्शन होते हैं. इस अवसर पर उन्होंने नई पीढ़ी को जैसलमेर की विरासत के महत्व को समझने तथा इससे अक्षुण्ण बनाए रखने का आह्वान भी किया. 

समृद्ध है मरु प्रदेश की विरासत 

जिला कलेक्टर टीना डाबी ने आगे लक्ष्मी नारायण के विरासत संरक्षण के जज्बे को देखकर खुशी जाहिर करते हुए शाबाशी दी. उन्होंने कहा मरु प्रदेश की विरासत समृद्ध है तथा विश्व प्रसिद्ध है. यहां की प्रकृति एवं संस्कृति तथा रीति रिवाज में विरासत के दर्शन होते हैं. समय के साथ अनेक रीति रिवाज और परंपराएं नष्ट हो रही हैं. ऐसे में आज जरूरी है कि हम मिलकर आने वाली पीढ़ियों के लिए विरासत का संरक्षण करें. 

कलेक्टर डाबी ने कहा कि हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए तथा बच्चों को विरासत की शिक्षा देना अनिवार्य करना चाहिए. संग्रहालय के संस्थापक लक्ष्मीनारायण खत्री ने एक-एक कलाकृति की व्याख्या की तथा इतिहास पर प्रकाश डाला. जिला कलेक्टर ने आदिवासियों के आभूषणों, मिट्टी के कलात्मक बर्तन, देसी घी के कंटेनर के बर्तन, अफीम की प्रथा राजाओं के पत्र, सांप सीढ़ी के खेल की पेंटिंग, देवी देवताओं तथा राजा महाराजाओं के फोटो, स्टांप पेपर, बैंकिंग एवं व्यापार आदि सदियों पुरानी वस्तुओं को बड़े चाव से अवलोकन किया. 

(विमल भाटिया की रिपोर्ट)