Japan 26-year-old graduate of top university to move out, Photo: weixin.qq.com
Japan 26-year-old graduate of top university to move out, Photo: weixin.qq.com टोक्यो यूनिवर्सिटी से पढ़े-लिखा 26 साल का मिजुकी आज जापान की सोशल मीडिया पर में है. वजह है उसका अपनी मां की बनाई परफेक्ट लाइफ को ठुकराना और खुद के मुताबिक जिंदगी जीना. मिजुकी अब महिलाओं के कपड़े पहनता है, कचरे से भरे एक छोटे फ्लैट में रहता है और लाइवस्ट्रीमिंग कर पैसे कमाता है.
कड़वी परवरिश से बनी बगावत की नींव
मिजुकी एक बेहद सख्त और एम्बिशियस माहौल में पला-बढ़ा. पिता एक स्कॉलर और मां ने उसे हमेशा एक प्रोजेक्ट की तरह ट्रीट किया. जहां हर उपलब्धि को वह अपनी इन्वेस्टमेंट का रिटर्न मानती थीं. डांट-फटकार तो रोजमर्रा की बात थी. माता-पिता के तलाक के बाद यह दबाव और बढ़ गया.
पढ़ाई में अव्वल रहकर मिजुकी ने टोक्यो यूनिवर्सिटी तक का सफर तय किया. बाहर से सबकुछ परफेक्ट दिखता था लेकिन अंदर एक खालीपन था. उसे महसूस होने लगा कि उसकी पूरी जिंदगी किसी और की उम्मीदों के हिसाब से चल रही है.
पहचान की तलाश में महिलाओं के कपड़े पहनने शुरू किए
किशोरावस्था में शरीर में आए बदलावों ने उसे असहज किया. वह अपनी पहचान को लेकर उलझने लगा. इसी दौरान उसने महिलाओं के कपड़े पहनना शुरू किया. वह कहता है मैं किसी का आदर्श बेटा नहीं बनना चाहता.
ट्रेडिशनल करियर छोड़कर नई राह
ग्रेजुएशन के बाद उसने महिलाओं के कपड़ों की दुकान में काम किया और ग्राहकों को समझने में भी माहिर हो गया. पर कुछ ही समय में बोर हो गया और नौकरी छोड़ दी. आईटी इंडस्ट्री में गया, लेकिन वहां का कॉरपोरेट कल्चर उसे फिर उसी कंट्रोल की याद दिलाने लगा. मां ने मिजुकी से सिविल सर्विस एग्जाम देने को कहा. जापान में यह नौकरी स्थिर और प्रतिष्ठित मानी जाती है. लेकिन इस बार मिजुकी ने साफ मना कर दिया.
गुस्से में मां ने घर से निकाल दिया
मिजुकी की मां ने उसे घर से निकाल दिया. उसने 30,000 येन (190 डॉलर) महीने का छोटा फ्लैट किराए पर लिया. अब वह महिलाओं के कपड़ों में लाइवस्ट्रीमिंग करता है. लोग उसकी नर्म आवाज और ईमानदारी भरी बातों के कारण जुड़े रहते हैं.
माता-पिता की ओवर-कंट्रोलिंग पर छिड़ी बहस
मिजुकी की कहानी ने माता-पिता की ओवर-कंट्रोलिंग पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है. एक यूजर ने लिखा, उसकी मां ने कभी उसकी भावनाओं की परवाह नहीं की. उसने सही किया कि अपनी राह चुनी. एक और यूजर ने कहा, चीन के कई बच्चे ऐसे ही दबाव में जीते हैं. उन्हें एलीट बनाने की रेस में धकेल दिया जाता है. कई टॉप यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट भी आज सिक्योरिटी गार्ड या स्ट्रीट फूड बेचने जैसे अनकन्वेंशनल काम कर रहे हैं.