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जिस उम्र में लोग चारपाई पकड़ लेते हैं...उस समय खेलकूद में इतना एक्टिव होना और मेडल जीतना कोई इनसे सीखे

इंदौर में हुई सातवीं SBKF में 20 राज्यों के लगभग पांच हजार खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, वहां सतबीर ने गोल्ड मेडल जीता. वहीं 77 साल के महावीर सिंह ने बीते 30 अप्रैल से 2 मई तक दिल्ली में हुई खेलों की मास्टर प्रतियोगिता में उन्होंने हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता है.

सतबीर सिंह और महावीर सिंह सतबीर सिंह और महावीर सिंह
हाइलाइट्स
  • 45 बच्चों को देते हैं ट्रेनिंग

  • मलेशिया में होने वाले खेल में लेंगे हिस्सा - महावीर

खेलों में आगे बढ़ने के लिए उम्र की नहीं बल्कि जज्बे की जरूरत होती है. उम्र के जिस पड़ाव में बुजुर्ग चलने फिरने में भी दिक्कत महसूस करते है, उसी उम्र में दो बुजुर्गों ने ना सिर्फ कुश्ती और एथलेटिक्स जैसे खेलों में महारत हासिल की बल्कि गोल्ड मेडल जीतकर युवाओं के लिए प्रेरणा भी बने. जी हां! हम बात कर रहे है करनाल के मंगलोरा के 60 वर्षीय पूर्व सरपंच सतबीर सिंह पहलवान, और करनाल के करण विहार निवासी मास्टर एथलीट महावीर सिंह कालियान की. जहां सतबीर सिंह ने इंदौर में हुई कुश्ती प्रतियोगिता में अपने प्रतिद्वंद्वी को पटखनी देखकर गोल्ड पर कब्जा किया, वही महावीर सिंह 100 मीटर और 300 मीटर हर्डल और वाक रेस में गोल्ड व सिल्वर मेडल जीतकर प्रदेश व जिले का नाम रोशन किया है. 

45 बच्चों को देते हैं ट्रेनिंग
मंगलोरा निवासी पूर्व सरपंच सतबीर सिंह नोतना ने बताया कि वह तीन साल से गांव में आजाद नाम से अखाड़ा चला रहे है. उसके पास अखाड़े में 45 बच्चे कुश्ती की ट्रेनिंग के लिए आते हैं. सात बच्चों का सलेक्शन राज्य स्तर की कुश्ती प्रतियोगिता के लिए हो चुका है. हाल ही में उन्होंने मध्यप्रदेश के इंदौर में ओपन कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. इंदौर में हुई सातवीं SBKF में 20 राज्यों के लगभग पांच हजार खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. जहां उनकी कुश्ती 60 आयुवर्ग में उमेश यादव नामक पहलवान के साथ में हुई थी. वे सात खिलाड़ियों को हराकर फाइनल में पहुंचे थे. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को चित करके गोल्ड मेडल पर कब्जा किया. 

बीच में छोड़ दी थी कुश्ती
सतबीर सिंह ने बताया कि इससे उनके शागिर्दों को भी प्रेरणा मिलेगी. उनकी जीत का असर इतना है कि जिन बच्चों ने पहलवानी छोड़ दी थी वे दोबारा से पहलवानी शुरू कर रहे थे. उन्होंने बताया कि वे 15 सालों से कुश्ती करते आ रहे थे लेकिन बीच में उन्होंने कुश्ती को अलविदा कह दिया था लेकिन फिर उनमें जोश जागा और उन्होंने तीन साल पहले फिर कुश्ती शुरू कर दी. उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि जब एक 60 साल का व्यक्ति कुश्ती में गोल्ड जीत सकता है तो युवा क्यों नहीं? उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने की सलाह दी और कहा कि देसी डाइट लेकर भी शरीर को मजबूत बनाया जा सकता है.

मलेशिया में होने वाले खेल में लेंगे हिस्सा
मास्टर एथलीट महावीर सिंह कालियान ने बताया कि वे मूलरूप से मेरठ के रहने वाले है लेकिन वे करनाल के करण विहार में रहते है. उन्होंने मास्टर एथलीट एसोसिएशन के नाम से संस्था बनाई हुई है. जिसमें उनके पास महासचिव का पद है. जिसमें 35 साल की आयु से ऊपर के खिलाड़ी होते है. एथलेटिक्स में दौड़, भाला फेंक, गोला फेंक, ऊंची कूद, लम्बी कूद व अन्य खेल आते है.

उन्होंने बताया कि उनकी आयु 77 साल हो चुकी है लेकिन खेलने का जज्बा आज भी बना हुआ है. बीते 30 अप्रैल से 2 मई तक दिल्ली में हुई खेलों की मास्टर प्रतियोगिता में उन्होंने हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता है. वाक रेस में उनको सिल्वर मेडल मिला, जबकि 100 मीटर व 300 मीटर की हर्डल रेस में गोल्ड मेडल जीते हैं. इसके अलावा वडोदरा में 16 से 19 जून तक AFI की तरफ से 1st national master open championship हुई. जिसमें उन्होंने वाक रेस में सिल्वर मेडल जीता. उनका गेम 70 से 75 आयुवर्ग में था. उन्होंने बताया कि वे दिसम्बर में मलेशिया में होने वाले खेलों में जरूर हिस्सा लेंगें, जिसकी तैयारी उन्होंने अभी से शुरू कर दी है. 

(करनाल से कमल की रिपोर्ट)