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Senior Citizen saved lives: 70 साल की दादी बनी सैकड़ों ट्रेन यात्रियों के लिए मसीहा, सूझ-बूझ से बचाई जान

कहते हैं कि उम्र महज एक संख्या है और कर्नाटक की एक 70 साल की महिला ने इस बात को सही साबित किया है. इस महिला की सूझबूझ से सैकड़ों यात्रियों की जान बच गई.

Chandrawati (Photo: ANI) Chandrawati (Photo: ANI)
हाइलाइट्स
  • बुजुर्ग महिला ने बचाई लोगों की जान 

  • चंद्रवती को किया गया सम्मानित

कर्नाटक की एक 70 वर्षीय महिला ने एक बड़े रेल हादसे को टालकर और कई लोगों की जान बचाकर साबित कर दिया कि बचाने वाला हमेशा मारने वाले से बड़ा होता है. तभी तो आज एक बुजुर्ग महिला की सूझ-बूझ से सैकड़ों लोगों की जान बच गई. 

पंचंदी के पास मंदरा में मंगलुरु के बाहरी इलाके में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला, चंद्रावती ने देखा कि रेलवे ट्रैक पेड़ गिरा हुआ है. और उसी ट्रैक पर मंगलुरु से मुंबई जाने वाली मत्स्यगंधा एक्सप्रेस ट्रेन तेजी से आ रही थी. अगर चंद्रवती तेजी न दिखाती तो बड़ा हादसा हो सकता था. 

बुजुर्ग महिला ने बचाई जान 
यह घटना 21 मार्च को दोपहर करीब 2:10 बजे मंदरा में हुई, जब चंद्रवती ने मंगलुरु में पडिल-जोकीनाटे खंड के बीच ट्रैक पर एक पेड़ को गिरते देखा. सत्तर वर्षीय चंद्रवती को पता था कि मत्स्यगंधा एक्सप्रेस ट्रेन थोड़ी ही देर में घटनास्थल से गुजरेगी. खबरों के मुताबिक, खतरे को भांपकर चंद्रवती तुरंत अपने घर पहुंची और एक लाल कपड़ा लाकर रेलवे ट्रैक पर लहराने लगीं. 

खुशकिस्मती से, ट्रेन के लोको पायलट नें जब एक महिला को लाल कपड़ा लहराते देखा तो वह समझ गए कि कोई खतरा हो सकता है और उन्होंने ट्रेन को धीमा करके रोक दिया. बाद में रेलवे कर्मी मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से ट्रैक को साफ किया, जिसके बाद ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू हो गईं.

चंद्रवती को किया गया सम्मानित 
चंद्रवती की समय पर कार्रवाई और सूझबूझ से न केवल ट्रेन और पेड़ की टक्कर टाली गई बल्कि ट्रेन में सवार सैकड़ों लोगों की जान भी बच गई. रेलवे पुलिस ने भी चंद्रवती की बहादुरी को सराहा. मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम में, मंगलुरु में रेलवे पुलिस ने अपने सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, 70 वर्षीय महिला को उसके वीरतापूर्ण कार्य के लिए सम्मानित किया.

गौरतलब है कि इसी तरह की घटना पिछले साल उत्तर प्रदेश में हुई थी जब एटा में एक महिला ने रेलवे ट्रैक पर टूटी हुई जगह देखी थी. ओमवती ने तेजी से खतरे को भांप लिया और अपनी लाल साड़ी का इस्तेमाल किया. ट्रेन के चालक ने रेलवे ट्रैक पर लाल रंग का कपड़ा देखा और ब्रेक लगा दिया.