Crowd funding for cancer treatment
Crowd funding for cancer treatment कर्नाटक के बंटवाल तालुका के करपे गांव में लोगों ने इंसानियत की मिसाल पेश की है. गांव के रहने वाले हिरण्याक्ष की कैंसर पीड़ित पांच साल की बच्ची की जान बचाने के लिए 15 घंटे के भीतर 75 लाख रुपये जुटाए गए. इस पूरे अभियान को गांव के ही फैयाज मदूर ने चलाया.
बच्ची को कब हुआ कैंसर?
हिरण्याक्ष ने डेक्कन हेराल्ड को बताया कि मई 2024 में उन्हें अपनी बेटी, मनस्वी के कैंसर के बारे में पता चला. इस खबर ने उन्हें झकझोर कर रख दिया. हिरण्याक्ष मंदिर में पुजारी का काम करते हैं. मनस्वी एक्यूट मायलोइड ल्यूकेमिया (एएमएल) से पीड़ित थी. इसके इलाज के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है.
कितना महंगा था इलाज?
हिरण्याक्ष ने अपनी बेटी को अस्पताल में भर्ती कराया और उनकी जितनी भी सेविंग्स थी, सब इलाज में लगा दी. लेकिन बोन मैरो ट्रांसप्लांट और बाकी खर्चों के लिए 50 लाख रुपये से ज्यादा की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में, हिरण्याक्ष ने सोशल मीडिया पर मदद मांगी लेकिन वह बहुत ज्यादा पैसे नहीं जुटा पाए.
किसने की हिरण्याक्ष की मदद?
हिरण्याक्ष की पत्नी सौम्या का कहना है कि उनके गांव के निवासियों ने अस्पताल के खर्च को पूरा करने के लिए पैसे इकट्ठा किए थे. हिरण्याक्ष ने हताश होकर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता फैयाज मदूर की मदद ली. वह गरीब लोगों के अस्पताल के खर्च को पूरा करने के लिए धन जुटाते हैं.
कैसे इकट्ठा हुए इलाज के लिए पैसे?
इस पैसे से मनस्वी को सही समय पर इलाज मिल रहा है और जल्द ही, उसका बोन मैरो ट्रांसप्लांट होगा. फैयाज सिर्फ हिरण्याक्ष के लिए ही नहीं बल्कि कई लोगों के लिए मसीहै हैं. पिछले पांच सालों में फैयाज ने 100 से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप्स से जरूरतमंदों के लिए 25 करोड़ रुपये इकट्ठे करा चुके हैं. GNTTV.Com इस पहल की सराहना करता है और उम्मीद है कि यह पहल और भी लोगों के लिए मिसाल बनेगी.
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