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Kashmir's First Female Truck Driver: रसोई से ट्रक तक! सड़क पर इतिहास रच रही रबीया यासीन, पढ़िए कहानी कश्मीर की पहली महिला ट्रक ड्राइवर की

रबीया यासीन ने अपनी कड़ी मेहनत और साहस से न केवल कश्मीर में बल्कि पूरे देश में महिलाओं के लिए एक नई मिसाल कायम की है. उनकी यह यात्रा हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करना चाहती है.

Kashmir's first female truck driver Kashmir's first female truck driver
हाइलाइट्स
  • परिवार बना सहारा

  • अनेक चुनौतियों के बावजूद आत्मविश्वास बना रहा

कश्मीर की महिलाएं अब पीछे नहीं हैं. वे कड़ी मेहनत, जुनून और समर्पण से नई ऊंचाइयों को छू रही हैं. इस पुरुष-प्रधान समाज में अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को साबित करते हुए वे हर रोज नई कहानियां गढ़ रही हैं. ऐसी ही एक कहानी है कश्मीर की पहली महिला ट्रक ड्राइवर रबीया यासीन की.

रबीया यासीन, पुलवामा के वाखरवन गांव की रहने वाली हैं. चार साल की बेटी की मां रबीया ने अपनी इस अनोखी यात्रा के बारे में बताया, "आज के दौर में यह मायने नहीं रखता कि कौन सा काम कौन कर रहा है. बस यह जरूरी है कि मेहनत से कमाया जाए और आगे बढ़ने की कोशिश की जाए."
छह साल पहले रबीया की शादी ट्रक ड्राइवर इम्तियाज अहमद मीर से हुई. शादी के शुरुआती दिनों में वह अपने पति के साथ सफर पर जाया करती थीं. धीरे-धीरे उन्होंने ट्रक चलाने में दिलचस्पी लेनी शुरू की. रबीया ने याद करते हुए कहा, "एक दिन मैंने अपने पति से कहा कि मुझे ट्रक चलाना सिखाइए. शुरुआत में मुझे यकीन नहीं था कि यह मेरा पेशा बन जाएगा." 

परिवार बना सहारा
रबीया के पति और ससुरालवालों ने उनके इस फैसले में पूरा सहयोग दिया. रबीया ने बताया, "मेरे पूरे परिवार ने मेरा साथ दिया और मुझे अपने सपनों को उड़ान देने में मदद की. अब एक साल हो गया है, और मैं अपने पति के साथ मिलकर ट्रक चलाती हूं."

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उन्होंने कहा, "पहले यह काम कठिन लगा, लेकिन अब ऐसा लगता है कि जिंदगी सड़क पर गाड़ी चलाए बिना अधूरी है."

अनेक चुनौतियों के बावजूद आत्मविश्वास बना रहा
अपने सफर के दौरान रबीया ने भारत के कई प्रमुख राज्यों की सड़कों पर ट्रक चलाया है. इस अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने कहा, "यह अद्भुत है, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं, खासकर एक महिला के लिए."

सोशल मीडिया पर सक्रिय रबीया का एक यूट्यूब चैनल है 'Rabia Vlogs 786', जहां वह अपने अनुभव साझा करती हैं. "लोगों से मुझे बहुत प्यार और सम्मान मिला है. यह मुझे हर दिन कुछ नया करने के लिए प्रेरित करता है," उन्होंने बताया.

कश्मीरी समाज में बदलाव की बयार
कश्मीर में महिलाओं को लेकर समाज के दृष्टिकोण पर रबीया का कहना है, "यह सब सोच पर निर्भर करता है. जब कोई व्यक्ति मेहनत और लगन से आगे बढ़ने का ठान लेता है, तो हर रास्ता उसे सफलता की ओर ले जाता है."

उन्होंने आगे कहा, "आज की कश्मीर पहले जैसी नहीं है. अब महिलाएं केवल रसोई तक सीमित नहीं हैं. हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी पहचान बना रही हैं."

महिलाओं के लिए रबीया का संदेश
रबीया का मानना है कि अब महिलाओं के सपनों को पंख देने के लिए कोई बाधा नहीं है. "किसी भी तरह के काम में हिस्सा लेना जरूरी है. अगर कोई लड़की अपने सपनों को पूरा करना चाहती है, तो उसे दृढ़ निश्चय और साहस की जरूरत है. सफलता उसी के कदम चूमती है जो हार नहीं मानता."

रबीया यासीन ने अपनी कड़ी मेहनत और साहस से न केवल कश्मीर में बल्कि पूरे देश में महिलाओं के लिए एक नई मिसाल कायम की है. उनकी यह यात्रा हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करना चाहती है.

(अशरफ वानी की रिपोर्ट)