Representative Image (Source-Unsplash) 
 Representative Image (Source-Unsplash) अब चुनाव का कारवां काशी की ओर बढ़ चला है. काशी के घाट पर कभी शंकर तो कभी गणेश के वेश में घूमते बच्चों को सबने देखा होगा. लोग उनके साथ फ़ोटो खिंचवाते हैं और उन्हें बदले में 10 रुपए देते हैं.अक्षर ज्ञान से दूर इन बच्चों का पूरा जीवन इसी में बीत जाता है. मगर अब इन बच्चों को पढ़ाने और इनकी मां को हाथ का हुनर सिखाने की ज़िम्मेदारी उठाई है एक संस्था ने. काशी की एक बदलती तस्वीर ये भी है.
बदलेगा बच्चों का जीवन
घाट पर आपको कई बार छोटे छोटे वो बच्चे भी घूमते दिखते हैं जो विदेशी पर्यटकों या यहां आने वाले लोगों के साथ फ़ोटो खिंचवाते हैं. कभी शंकर के रूप में कभी माँ गंगा बनकर. इन बच्चों का जीवन यूं ही बीत जाता है और पढ़ाई लिखाई से यह कोसो दूर रहते हैं. इनके घर के लोग भी भीख मांगते हैं. मगर अब काशी में काम कर रही एक संस्था ने इन्हें संवारने का बीड़ा उठाया है. @Missionvns (मिशन बनारस) नाम से प्रोजेक्ट चलाकर इन बच्चों को न सिर्फ़ पढ़ाने का ज़िम्मा लिया है बल्कि beggars Corporation बनाकर इनकी मांओं को रोज़गार देने के लिए भी पहल की गई है.
सिलाई का काम कर रही हैं महिलाएं
यहां पहुंचकर हमारी टीम ने इनसे बात करने की कोशिश की. वहां मौजूद रजनी यहां पर सिलाई का काम सीख रही हैं. बच्चों की संख्या भी धीरे धीरे बढ़ने लगी है जो ये बताता है कि कहीं न कहीं इनकी मेहनत सार्थक हो रही है. महिलाओं और काशी के भीख मांगने वाले अन्य लोगों को रोज़गार देने के लिए ये मुहिम चलायी गयी है. अब कई बड़े संगठन भी इनका हौंसला बढ़ाने के लिए इनको मौक़ा देना चाहते हैं. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति में इस बार जो bags दिए गए वो इन्हीं महिलाओं ने सिले थे.
 
ज़ाहिर है कि काशी में इन लोगों को सम्मान मिलने और उनको शिक्षित कर मुख्यधारा में लाने से न सिर्फ़ इनकी ज़िंदगी बदल रही है बल्कि काशी की तस्वीर भी बदल रही है.