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Sustainable Office: मिट्टी से बनाया अपना दफ्तर ताकि लोगों को कर सकें जागरूक, गर्मियों में नहीं पड़ती है AC चलाने की जरूरत

आज देश में बहुत सी आर्किटेक्चर फर्म्स Sustainable और Eco-Friendly घर या बिल्डिंग बनाने पर जोर दे रही हैं ताकि लोगों को पानी, बिजली जैसी चीजों के लिए किसी पर निर्भर न होना पड़े. इन्हीं में से एक फर्म है Advance Group of Architects, जिसे चला रहे हैं अनंत कृष्ण.

Anant Krishna Anant Krishna
हाइलाइट्स
  • मिट्टी से बनाया अपना दफ्तर 

  • नहीं पड़ती एसी की जरूरत

हमारे बचपन की यादों में नानी-दादी के घर की याद ज़रूर बसी होती है. वह घर जिसमें खेलने के लिए बड़ा खुला आंगन होता था. गर्मियों में ऊंची छतों की वजह से बिना एसी और कूलर के भी कमरा ठंडा रहता था. लेकिन अब शहरों में कंक्रीट के जंगलों के बीच वह सुकून कहां. 

लखनऊ के युवा आर्किटेक्ट अनंत कृष्ण इसी सुकून को तलाशकर लोगों के घरों में बसा रहे हैं. अनंत मिट्टी की दीवारों के ज़रिए ऐसे घरों को मॉडर्न लाइफ़स्टाइल में शामिल करना चाहते हैं. 

मिट्टी से बनाया अपना दफ्तर 
अनंत लोगों के लिए सस्टेनेबल घर बनाने की कोशिशों में जुटे हैं. सस्टेनेबल घर से मतलब ऐसे घर से है जो प्रकृति के अनुकूल हो, जिसमें सीमेंट की बजाय नेचुरल मेटेरियल जैसे मिट्टी या चूने का इस्तेमाल किया गया हो. अनंत बिल्डिंग मेटेरियल को प्रकृतिक रखकर घरों को नया रूप दे रहे हैं. उनके घर बनाने के तरीके पारंपरिक हैं लेकिन घरों का आउटलुक एकदम नया है. 

अनंत ने प्रयोग के तौर पर अपना ऑफ़िस मिट्टी से बनाया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है. अनंत का कहना है कि मॉर्डन वास्तु और लाइफ़ स्टाइल की वजह से हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं. पर प्रकृति के क़रीब वापस जा कर हम उसी सुकून को प्राप्त कर सकते हैं. अनंत ने अपने इको-फ्रेंडली 300 स्क्वायर फ़ीट का ऑफ़िस बनाया जो मिट्टी से बना है लेकिन अंदर से इसका लुक एकदम मॉडर्न है. 

नहीं पड़ती एसी की जरूरत
अनंत ने अपने ऑफिस के मुख्य हिस्से यानी स्टूडियो और लॉबी की दीवारें मिट्टी से बनायी हैं. इन दीवारों पर हाथ की छाप छोड़ी गई है ताकि एक स्पर्श पता चले. ऊंची गुम्बददार छतों को कुछ ऐसे तैयार किया गया है कि पूरा वेंटिलेशन हो और अंदर तक रोशनी रहे. 

अच्छे वेंटिलेशन और मिट्टी की दीवारों की वजह से लगता है कि ऑफिस सांस लेता है. जिससे ऑफिस मौसम के अनुरूप अपना तापमान मेंटेन करते है. गर्मियों में बाहर की बजाय थोड़ा ठंडा रहता है तो सर्दियों में हल्का गर्म. और इस कारण उन्हें गर्मी में भी यहां एसी चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है. दिन में रोशनी भी अच्छे से आती है. इस कारण दिन में लाइट जलाने की ज़रूरत नहीं होती है. और बिजली बिल बहुत कम आता है. 

लोगों को कर रहे हैं जागरूक 
अनंत मानते हैं कि एक प्रोफेशनल आर्किटेक्ट होने के नाते उनको लोगों की मांग के अनुसार ही काम करना होता है. इसलिए उन्होंने अपने ही ऑफ़िस को एक मॉडल के तौर पर विकसित किया है जिससे लोग सस्टेनेबल घरों को एक मौका दें. लोग ये देख और समझ सकें कि अगर उनको प्रकृति की ओर लौटना है, दिनों-दिन बढ़ते बिजली के बिल को कम करना है तो मिट्टी और लकड़ी जैसी चीजों का प्रयोग कर अपना आशियाना बनाना होगा. 

अनंत कहते हैं कि लोगों का प्रकृति के साथ तालमेल को समझना बहुत ज़रूरी है. वह आश्वस्त करते हैं कि इस तरह से घर बनाने से भी लोगों की आधुनिक लाइफ़ स्टाइल और सुख सुविधा में कोई कम नहीं होगी. बल्कि आपको अपने घर में मिलेगा आपके बचपन के नानी दादी के घर जैसा सुकून.