Saurabh Tripathi
Saurabh Tripathi यह कहानी है लखनऊ के सौरभ त्रिपाठी की. जिनका शौक धीरे-धीरे उनका जुनून बना गया और फिर कमाई का जरिया. किसी के लिए ये सक्सेस स्टोरी हो सकती है तो किसी के लिए ड्रीम स्टोरी. सौरभ ने B.Tech किया हुआ है लेकिन लोगों के बीच उनकी पहचान बहुत अलग है. पूरा शहर उन्हें उनके हरे-भरे बगीचे और नर्सरी के लिए जानता है.
साल 2008 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर, जब नौकरी की शुरुआत की तो सौरभ को जल्द ही पता चल गया कि वह अपनी जॉब में खुश नहीं हैं. काफी कोशिशों के बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. और इसके बाद उन्होंने शुरू किया एक ऐसा सफर जो उम्मीद से परे था.
लगाया टेरेस गार्डन और नर्सरी
सौरभ ने अपनी छत पर पेड़-पौधे लगाकर खुद के टेरेस गार्डेन लगाया हुआ था. उन्हें हमेशा से बागवानी का शौक रहा है. इसलिए अपनी नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने इसी में हाथ आज़माया. और धीरे धीरे हॉर्टीकल्चर और फ्लॉरीकल्चर के क्षेत्र में उन्होंने कदम रखा. आज उनकी नर्सरी में 1,000 से ज्यादा किस्म के पौधे हैं.
कई हज़ार वैरायटी के फूल, फल और सब्ज़ियां हैं. ये सब बाक़ायदा अलग-अलग सेक्शन में आपको इनकी नर्सरी में मिलेंगे. बाग़वानी के एक्स्पर्ट तक सौरभ से कुछ न कुछ सीखने आते हैं. उन्होंने अपने बगीचे में तेज़पत्ता, हींग, इलायची, गरम मसाले में इस्तेमाल होने वाले सभी मसाले भी लगाए हुए हैं.
बिना किसी फॉर्मल ट्रेनिंग के बढ़े आगे
सौरभ कहते हैं कि अपने शौक को ही अपना काम बना लेने का रिस्क कम ही लोग ले पाते हैं. उनको भी शुरू में थोड़ा तनाव था. पर फिर उन्होंने हर सम्भव तरीके से रिसर्च किया और बागवानी के नए-नए तरीके सीखे. अपने शौक पर इतना ध्यान दिया कि बिना किसी फ़ॉर्मल ट्रेनिंग के भी वह एकदम एक्सपर्ट बन गए. अब लोग उनसे बागवानी सीखने आते हैं.
सौरभ कहते हैं कि नर्सरी से लोग पौधे ले जाते हैं. पर आज कल घरों में जगह कम है तो ऐसे में आप किस तरह से सिर्फ ग्रो बैग में फल, फूल, सब्ज़ियां और अन्य चीजें उगा सकते हैं, ये सीखने वाली बात है. आम तौर पर बागवानी में भी कई अन्य क्षेत्रों की तरह बहुत ज़्यादा धैर्य और तकनीकी दक्षता की ज़रूरत होती है.
ऐसे में सौरभ चाहते हैं कि न सिर्फ़ लोग अपने टेरेस गार्डन या छत को अपने शौक के लिए प्रयोग करें बल्कि सही तरीके से बागवानी कर कमाई भी करें.