
बिहार के गया जिला के बोधगया प्रखंड के महाबोधि मंदिर में स्थित बोधि वृक्ष विश्व का सबसे पहला VIP पेड़ है. इस पेड़ के स्वास्थ्य की देखभाल करने के लिए सालाना लाखों रुपये खर्च होते हैं. इस बोधि वृक्ष की स्वास्थ्य जांच के लिए देहरादून के केंद्रीय वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक हर तीन महीने पर आते हैं. जिसके एवज में देहरादून के वैज्ञानिको को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये मिलते थे.
लेकिन अब देहरादून के केंद्रीय वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक के साथ महाबोधि टेम्पल मैनेजमेंट कमिटी के द्वारा एक नया एग्रीमेंट बना है. अब देहरादून के केंद्रीय वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक महाबोधि मंदिर में स्थित बोधि वृक्ष के ट्रीटमेंट के लिए तीन महीने पर नहीं बल्कि ऑन कॉल बुलाने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए अगले 10 सालों तक का एग्रीमेंट देहरादून के केंद्रीय वन अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों के साथ किया गया है. इस पूरे प्रोग्राम पर सालाना 16 लाख रुपये खर्च किए जा सकें.
वृक्ष की बेहतर देखभाल पर जोर
अब बोधि वृक्ष के ट्रीटमेंट के लिए जब भी वैज्ञानिकों को बुलाया जाएगा वे तुरंत आएंगे और जरूरत के अनुसार, बोधि वृक्ष का केमिकल ट्रीटमेंट करेंगे. पहले वैज्ञानिकों की टीम एक साल में चार बार आती थी लेकिन जैसे -जैसे बोधि वृक्ष पुराना होते जा रहा है तो इसकी बेहतर देखभाल पर फोकस किया जा रहा है.
बोधि वृक्ष का अटूट महत्व
आपको बता दें कि इसी बोधि वृक्ष के नीचे राजकुमार सिद्धार्थ को 532 साल पहले ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसके बाद राजकुमार सिद्धार्थ भगवान बुद्ध बने और फिर यह वृक्ष महाबोधि वृक्ष के रूप में विश्व विख्यात हुआ. इस बोधि वृक्ष से पूरे विश्व में बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार हुआ है. यह विश्व का पहला पीपल का बृक्ष है जिसके दर्शन के लिए हर साल 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दुनियाभर से आते हैं.
अलग-अलग देशों के लोग इस बोधि वृक्ष के दर्शन करते है और शांति का संदेश लेकर वापस अपने वतन लौटते हैं. बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए यह महाबोधि मंदिर और बोधि वृक्ष आस्था का परम प्रतीक हैं.
10 सालो से वैज्ञानिक कर रहे हैं देखभाल
महाबोधि टेम्पल मैनेजमेंट कमिटी के सदस्य अरविंद सिंह ने बताया कि देहरादून के वैज्ञानिकों की टीम पिछले 10 सालों से बोधि वृक्ष के ट्रीटमेंट के लिए आ रही है. इस वृक्ष की जिम्मेदारी महाबोधि मंदिर और देहरादून के वैज्ञानिकों की है. बोधगया के एक समाजसेवी मनीष मिश्रा ने बताया की महाबोधि मंदिर का बोधि वृक्ष वर्ल्ड हेरिटेज में आता है और हमारे देश की महान धरोहरों में से एक है.
(पंकज कुमार की रिपोर्ट)