Misidentified body, wrongful arrest: Karnataka man jailed for wife’s murder for two years, she’s found alive in Madikeri
Misidentified body, wrongful arrest: Karnataka man jailed for wife’s murder for two years, she’s found alive in Madikeri फर्ज कीजिए किसी इंसान को ऐसी जुर्म की सजा दे दी जाए, जो उसने कभी किया ही न हो. ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला कर्नाटक के कुशलनगर का है, जहां एक आदिवासी युवक सुरेश को उसकी पत्नी की हत्या के झूठे आरोप में 18 महीने जेल में बिताने पड़े. बाद में पता चला कि उसकी पत्नी जिंदा है. अब सुरेश ने न्याय पाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया है और 5 करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की है.
दरअसल कर्नाटक के कुशलनगर तालुक के बसवनहल्ली गांव के रहने वाले कुरुबारा सुरेश को अपनी ही पत्नी की हत्या का आरोपी बताते हुए गिरप्तार कर लिया गया था. करीब डेढ़ साल जेल में बिताने के बाद सुरेश ने कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया है. सुरेश ने कोर्ट से 5 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है.
अप्रैल 2025 में मैसूर के 5वें अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायालय ने सुरेश को बरी कर दिया था. कोर्ट ने उन्हें सम्मान के साथ बरी करते हुए गृह विभाग को 1 लाख रुपये मुआवजे का आदेश भी दिया था. लेकिन सुरेश इस मामूली मुआवजे और मामले में पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी तय न होने से संतुष्ट नहीं हैं.
सुरेश ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल अपील दायर कर 5 करोड़ रुपये के मुआवजे के साथ-साथ पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने झूठे सबूत तैयार कर उनके खिलाफ मामला बनाया.
उनके अपील में उन पुलिसकर्मियों के नाम शामिल हैं जो उस वक्त मामले की जांच में शामिल थे. इसमें इंस्पेक्टर प्रकाश बी.जी., तत्कालीन अतिरिक्त एसपी जितेंद्र कुमार, सब-इंस्पेक्टर प्रकाश यत्तिमानी और महेश बी.के. और एएसआई सोमशेखर शामिल हैं.
सत्र न्यायालय ने केवल इंस्पेक्टर प्रकाश बी.जी. के खिलाफ सबूत छेड़छाड़ के लिए कार्रवाई करने की सिफारिश की थी, लेकिन सुरेश की हाई कोर्ट अपील में पांचों पुलिस अधिकारियों के खिलाफ समान आरोप लगाए गए हैं. सुरेश ने कोर्ट से यह भी कहा है कि सत्र न्यायालय के आदेश में जहां उन्हें ‘आरोपी’ कहा गया है, उसे ‘पीड़ित’ कर दिया जाए.
सुरेश ने 2021 में अपनी पत्नी मल्लिगे के गुम होने की शिकायत दर्ज कराई थी. एक साल बाद पड़ोसी जिले के बेट्टाडापुर पुलिस थाने की सीमा में एक कंकाल पाया गया. पुलिस को शक हुआ कि यह शव मल्लिगे का ही हो सकता है. बिना किसी पुख्ता सबूत के पुलिस ने सुरेश और उसकी सास गोवरी को दबाव में ला कर उस कंकाल को मल्लिगे का बताने को मजबूर किया लेकिन कभी DNA टेस्ट नहीं कराया गया. सिर्फ इस गलत पहचान की वजह से सुरेश पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप लगा और उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. करीब दो साल बाद सुरेश की पत्नी एक रेस्टोरेंट में खाना खाती हुई देखी गई थी.