
उत्तर प्रदेश के झांसी में एक ऐसी घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया है, जो आस्था और चमत्कार की अनोखी मिसाल बन गई है! 90 साल की माया देवी, जिन्हें परिवार ने मृत मानकर अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी थी, अचानक गंगाजल छिड़कने के बाद फिर से जीवित हो उठीं. यह घटना झांसी के भोजला गांव में हुई, जहां ढाई घंटे तक शोक में डूबा परिवार खुशी से झूम उठा.
क्या हुआ था उस दिन?
झांसी के सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के भोजला गांव में रहने वाली 90 वर्षीय माया देवी अपने तीन बेटों- बृज किशोर, रामगोपाल और राम किशन के साथ रहती थीं. उनका परिवार करीब 150 लोगों का बड़ा कुनबा है. माया देवी के भतीजे संतोष वर्मा खुद को झलकारी बाई, रानी लक्ष्मीबाई की सहयोगी और प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना, का वंशज बताते हैं.
शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे माया देवी की सांसें रुक गईं और उनका शरीर ठंडा पड़ गया. परिजनों ने उन्हें हिलाकर और बुलाकर जगाने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. पड़ोस के एक कंपाउंडर को बुलाया गया, जिसने उनकी नब्ज चेक कर मृत घोषित कर दिया.
यह खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया. रिश्तेदार और पड़ोसी इकट्ठा हो गए, और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो गई. माया देवी के शव को जमीन पर लिटाया गया, और सिर के पास अगरबत्ती जलाई गई.
लेकिन करीब ढाई घंटे बाद, जब परिवार ने उनके शरीर पर गंगाजल छिड़का, तो चमत्कार हो गया! माया देवी ने अचानक सांस लेना शुरू किया और मुंह खोलकर जीवित होने का संकेत दिया. यह देखकर पहले तो लोग डर गए, लेकिन फिर खुशी से झूम उठे. पूरा गांव इस घटना की चर्चा से गूंज उठा.
गंगाजल ने किया चमत्कार
माया देवी के भतीजे संतोष वर्मा ने बताया, "शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे दादी की सांसें रुक गई थीं. हमने कंपाउंडर को बुलाया, जिसने उन्हें मृत घोषित किया. हमने शव को नीचे लिटा दिया और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन जब गंगाजल छिड़का गया, तो दादी ने सांस लेना शुरू कर दिया. यह भगवान का चमत्कार है!" परिवार का मानना है कि गंगाजल की पवित्रता और भगवान की कृपा ने माया देवी को वापस जीवन दिया.
डॉक्टरों का क्या कहना है?
हालांकि, डॉक्टर इस घटना को चमत्कार मानने से इनकार करते हैं. एक स्थानीय डॉक्टर ने बताया, "ऐसा संभव नहीं है कि मृत व्यक्ति जीवित हो जाए. कई बार 'सर्कुलेटरी शॉक' या लोकल भाषा में 'गश्त' जैसी स्थिति हो जाती है, जिसमें मरीज सुस्त हो जाता है और सांसें बहुत धीमी हो जाती हैं. गंगाजल छिड़कने से शायद शरीर को झटका लगा, जिससे वह सामान्य स्थिति में आ गई." डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में सही मेडिकल जांच जरूरी है, ताकि मरीज को समय पर इलाज मिल सके.
गांव में चर्चा, सोशल मीडिया पर सनसनी
यह घटना भोजला गांव में चर्चा का विषय बन गई है. लोग इसे गंगाजल की महिमा और भगवान के चमत्कार से जोड़कर देख रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी यह खबर वायरल हो रही है, और लोग इसे आस्था की जीत बता रहे हैं. कुछ लोग इसे चिकित्सीय गलती मान रहे हैं, जो माया देवी को गलती से मृत घोषित करने का परिणाम हो सकता है.
(प्रमोद कुमार गौतम की रिपोर्ट)