
इटामाराका, ब्राज़ील के पर्नामबूको राज्य में एक सुंदर द्वीप है. यह द्वीप अपने साफ-सुथरी समुद्री तटों, जैव विविधता और पिछले कुछ सालों में बढ़ते पर्यटन और शहरी दबाव के लिए जाना जाता है. और यहां पर पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित एडना और उनकी बेटी मारिया गैब्रिएली डांटास ने एक गंभीर समस्या के खिलाफ कदम उठाया है. उन्होंने हर टूरिस्ट सीजन के बाद समुद्र तटों पर बिखरे कचरा, खासकर कांच की बोतलों को इकट्ठा करके कुछ ऐसा बनाया है कि देश-दुनिया में उनकी तारीफ हो रही है.
पारंपरिक सोच से प्रेरित
55 साल की एडना एक सामाजिक और पर्यावरण शिक्षक हैं. वह ब्राज़ील के गरीब और सूखे इलाक़े "अग्रेस्ते" में पैदा हुईं, जहां पानी की किल्लत और संसाधनों की कमी थी. ऐसे में, सस्टेनेबिलिटी, पर्यावरण के प्रति जागरूकता उनके बचपन का हिस्सा थी. उन्होंने हमेशा रिसायकलिंग और क्रिएटिविटी पर फोकस किया. उन्होंने मीडिया को एक इंटरव्यू में बताया, “बचपन में हम बांस से खिलौने खुद बनाते थे, जो कुछ भी मिलता, उसका दोबारा इस्तेमाल करते थे. हमें तब नहीं पता था कि यह पर्यावरण बचाने जैसा काम है, यह तो जीने का तरीका था.”
एडना की यह सोच उनकी बेटी गैब्रिएली में भी आई, जो अब 27 साल की हैं और एक सस्टेनेबल फैशन डिज़ाइनर हैं. दोनों मां-बेटी किलोंबोला (गुलामों की संतति) और आदिवासी विरासत से आती हैं, जिनका प्रकृति से गहरा रिश्ता होता है. और एडना और गैब्रिएली के जिंदगी जीने के तरीके में प्रकृति का महत्व सीधा-सीधा दिखाई देता है.
कांच की बोतलों से बना घर
कोविड महामारी के समय, एडना ने समुद्र तटों पर कूड़े के ढेर देखे. खासक यहां कांच की बेकार बोतलें पड़ी हुई थी. तब उन्होंने एक ऐसा घर बनाने का फैसला किया जो कांच की बोतलों से बना हो. इसी से उनके "सॉल्ट हाउस" की शुरुआत हुई. दो साल में मां-बेटी ने 8,000 से ज़्यादा कांच की बोतलों और रिसाइक्ल की गई लकड़ी से एक अनोखा घर बनाया.
इस घर में सात कमरे हैं, जिनकी दीवारें कांच की बोतलों से बनाई गई हैं, पार्टिशन पुराने पैलेट्स से और छत के टाइल्स टूथपेस्ट की ट्यूबों से. सबसे पहले उन्होंने 20 वर्ग मीटर का कमरा बनाया जो उनकी सिलाई की वर्कशॉप का काम करता है और फिर घर का निर्माण शुरू हुआ. गैब्रिएली का कहना है कि यहां पहले डेढ़ साल तो बहुत मुश्किलों भरे थे. न ठीक से बाथरूम था, न रसोई. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
अहम सवाल उठाता है यह घर
ब्राज़ील में आज भी 58 लाख से ज़्यादा लोग बेघर हैं या बेहद गरीबी में जी रहे हैं. ऐसे में यह घर सिर्फ सस्टेनेबल एप्रोच की प्रेरणा नहीं दे रहा है बल्कि एक जरूरी सवाल भी उठा रहा है. जब इतने लोग घर से वंचित हैं, तो क्या कचरे को घर बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते?
एडना कहती हैं कि ये बोतलें कभी अपने आप गायब नहीं होंगी. ऐसे में, जब तक सरकार इन बेकार कांच की बोतलों को फेंकने या बेचने पर कोई पॉलिसी नहीं बनाती है तब तक आम लोग इन्हें इकट्ठा करके दोबारा इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर एक बोतल टूटती नहीं है, तो सालों तक वैसे ही पड़ी रहेगी. ऐसे में, इनकी रिसायकलिंग ही बेस्ट तरीका है.
इस घर को बनाते समय एडना और गैब्रिएली को यह भी अहसास हुआ कि कंस्ट्रक्शन जैसे कामों में महिलाओं को अभी भी कमतर समझा जाता है. गैब्रिएली और एडना ने घर बनाते समय मज़दूर सिर्फ ज़रूरत के हिसाब से रखने चाहे, लेकिन हर कोई उन्हें सलाह देने लगा. उनका कहना है कि लोगों को लगता है जैसे हमें कोई जादुई बोतल मिली, जिससे सब अपने आप हो गया. जबकि यह सब कड़ी मेहनत, प्लानिंग और हुनर का नतीजा है. सबसे अच्छी बात यह है कि उनका यह सॉल्ट हाउस अब Airbnb पर लिस्ट हो चुका है. टूरिस्ट इसमें रह सकते हैं और देख सकते हैं कि कैसे सस्टेनेबिली जिया जा सकता है.