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सेरेब्रल पाल्सी और मानसिक रूप से कमजोर ओम को याद हैं दो हजार से भी ज्यादा संस्कृत श्लोक...मिल चुके हैं कई अवार्ड

ओम ठीक से दो शब्द बोल भी नहीं पाते बावजूद इसके उन्हें दो हजार से ज्यादा संस्कृत के श्लोक कंठस्थ याद हैं. किसी को जिंदगी में चुनौती मिलती है लेकिन ओम के लिए उनकी जिंदगी ही एक चुनौती बन गई है.

ओम जिग्नेश व्यास ओम जिग्नेश व्यास
हाइलाइट्स
  • 16 साल के हैं ओम

  • स्कूल वालों ने दाखिला देने से किया मना

हम सभी की जिंदगी में चुनौतियां भी हैं लेकिन दुनिया में ऐसे लोग होते हैं जिनके लिए जिंदगी ही एक चुनौती बन जाती है. गुजरात के अहमदाबाद में रहने वाले ओम जिग्नेश व्यास के लिए भी जिंदगी एक चुनौती ही है. इस चुनौती भरी जिंदगी में उनके लिए एक नहीं बल्कि कई मुश्किलें हैं लेकिन वह फिर भी हर मुश्किल को पार करते हुए, हरदम चुनौतियों से लड़ते हुए अपने लिए एक नया रास्ता बना रहे हैं.

16 साल के हैं ओम
दरअसल 16 साल के ओम व्यास को सेरेब्रल पाल्सी की बीमारी है और साथ ही साथ में 90% मानसिक रूप से विकलांग है. अपनी बीमारी के चलते व्यास ना लिख सकते हैं और ना ही पढ़ाई कर सकते हैं. उन्हें तो बोलने में भी बहुत तकलीफ होती है. इन सभी चुनौतियों के बावजूद ओम को दो हजार से ज्यादा संस्कृत श्लोक कंठस्थ हैं. इसके अलावा वे हनुमान चालीसा, रामरक्षा, महिषासुरमर्दिनी, दुर्गाष्टक, शिवतांडव स्त्रोत, सुंदर काण्ड, रामचरितमासन,  बाल काण्ड और गीता के अध्याय समेत कई चौपाइयां, दोहे श्लोक कंठस्थ बोल सकते हैं. ओम को श्रीमदभगवत गीता के अध्याय 18, आनंद के गरनो, रामायण की चौपाई, कबीर वाणी के 7 भाग, शिव महिमा स्तोत्र, उपनिषद, शिवतांडव पूरी तरह से याद हैं.

ओम के नाम कई रिकॉर्ड
ओम को अपनी इस प्रतिभा के लिए कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है. इसके अलावा उनका नाम एक दर्जन से भी ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बुक होल्डर्स किताबों में दर्ज किया गया है. ओम की प्रतिभा से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनसे मिलकर उन्हें एक प्रशस्ति पत्र दे चुके हैं. इसके अलावा ओम को साल 2017 में प्रेसिडेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है और सबसे खास बात यह है कि वो अब तक दो सौ से भी ज्यादा स्टेज शो परफॉर्म चुके हैं. उनके नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, गोल्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड यूके, चिल्ड्रन बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया पैसिफिक रिकॉर्ड, वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया, इंडिया स्टार आइकन अवार्ड उनके नाम इंडिया स्टार पर्सनैलिटी जैसे कई रिकॉर्ड बने हैं.

उनके पिता जिगनेश व्यास बताते हैं कि उनको एक ऐसी बीमारी है जिसमें वे ठीक से बैठना तो दूर खुद को संभाल तक नहीं सकते हैं. मानसिक रूप से विकलांग होने के कारण बिना कुछ ठीक से पढ़ सकते हैं और ना ही बोल सकते हैं. उनको यह बीमारी बचपन से ही है जिसके कारण वह आज भी इन चुनौतियों से लड़ रहे हैं.

स्कूल वालों ने दाखिला देने से किया मना
ओम की मां वर्षा व्यास बताती हैं कि ओम उन्हें शादी के 11 साल बाद हुआ इसीलिए वह उनके लिए बहुत मायने रखता है. वैसे तो हर बच्चा अपने मां के लिए खास होता है लेकिन ओम अपने आप में एक स्पेशल किड है इसीलिए वह उनके दिल के और भी ज्यादा करीब है. वर्षा बताती हैं कि जब ओम तीन साल का था तब वह ठीक से खुद को संभाल नही पता था और इसी कारण उन्होंने कई डॉक्टरों के पास जाकर उन्हें दिखाया. तब जाकर पता चला कि ओम सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित है और मानसिक रूप से 90% विकलांग भी हैं. इसके बाद उनके माता-पिता ने उन्हें कई सारे स्कूलों में दाखिला दिलवाने की कोशिश की लेकिन मानसिक परिस्थितियों को देखते हुए स्कूल वालों ने उन्हें दाखिला देने से मना कर दिया.

दादी से सुनकर सीखा सुंदरकांड
उनके पिता जिग्नेश बताते हैं कि एक दिन जब ओम की दादी बचपन में ओम को सुंदर पाठ पढ़कर सुना रहीं थी तब ओम उसे बड़े ही ध्यान से सुन रहा था. लगातार दो से 3 दिन तक सुंदरकांड सुनने के बाद ओम को भी सुंदरकांड की कुछ पंक्तियां याद हो गई और वह भी उसका पाठ टूटे-फूटे शब्दों में करने लगे. उनके पिता बताते हैं कि उनके परिवार वालों को यह सब देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ.इसके बाद ओम लगातार श्लोक सुनते रहे और उन्हें एक के बाद एक गुनगुनाते भी रहे. खास बात यह है कि या धर्म से संबंधित पाठों को याद करने के लिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा 1 दिन का समय लगता है. लगातार अगर वो किसी चीज को तीन से चार बार सुनता है तो वो उसे याद हो जाती है. 

ओम के पिता कहते हैं कि उन्हें खुद को इस बात का यकीन नहीं होता कि इतने सारे बीमारियों से ग्रसित होने के बावजूद कैसे हो इतना सब याद कर लेते हैं. वे इसका श्रेय ओम की मां वर्षा को देते हैं. उनका मानना है कि आज जो भी कर पा रहे हैं वह उनके मां के कारण ही है.

स्पेशल चाइल्ड है ओम
ओम के पिता कहते हैं कि आज जब भी कहीं पर शो करने जाते हैं तब लोग उनसे से मिलकर बेहद प्रभावित हो जाते हैं. ओम की पिता बताते हैं कि ओम की डॉक्टर भी उनकी इस प्रतिभा को देखकर हैरान हैं. डॉक्टरों का कहना है कि सेरेब्रल पाल्सी और मानसिक रूप से विकलांग बच्चा ठीक से 2 शब्द तक नहीं बोल सकता ऐसे में ओम संस्कृत के हजारों शब्द कंठस्थ करके उन्हें बोल रहे हैं यह किसी चमत्कार से कम नहीं है.

ओम के माता-पिता को आज उन पर बहुत गर्व है. वे चाहते हैं कि उनका बच्चा इसी तरह से आगे बढ़े. उनकी मां कहती है कि इस दुनिया में जन्म लेने वाला घर स्पेशल बच्चा बहुत खास होता है. बस समाज को थोड़ा और संवेदनशील होने की जरूरत है और जो जैसा है उसे वैसा स्वीकार करने की जरूरत है.