
महाराष्ट्र के यवतमाल के 18 साल की शौर्या गोविंद बजाज ने लेह लद्दाख क्षेत्र में माउंट क्यागर री पर चढ़ाई कर ली है. इस चोटी की ऊंचाई 6 हजार 176 मीटर है. जब पारा शून्य से 37 डिग्री नीचे था, तब शौर्या ने अपनी शारीरिक क्षमताओं से इतिहास में छाप छोड़ दी.
दरअसल, महाराष्ट्र यवतमाल के शौर्या गोविंद बजाज को शुरू से ही पर्वतारोहण का शौक था. इससे पहले उन्होंने एवरेस्ट बेस कैंप में हिस्सा लिया था. उस समय 13 दिन में 220 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ी थी. बाद में व्हाइट एक्सपीडिशन संगठन द्वारा आयोजित पर्वतारोहण अभियान में भाग लिया जो अब हिमालयी क्षेत्र है.
शौर्या ने इसके लिए कड़ी मेहनत की क्योंकि इस अभियान को सफल बनाने के लिए उसे शारीरिक रूप से फिट रहना जरूरी था. वह हर दिन 10-15 किलोमीटर की दौड़ लगाती थीं. उन्होंने छह माह तक लगातार एक्सरसाइज की. इसके साथ ही वह सीनियर्स की सलाह के मुताबिक डाइट भी लेती रहीं.
31 दिसंबर की रात शुरू की चढ़ाई
31 दिसंबर को रात 8 बजे शौर्या ने माउंट क्यागर-री शिखर की चढ़ाई शुरू की. अगले दिन यानी 1 जनवरी को साढ़े बारह बजे उन्होंने शिखर पर कदम रखा. और उस स्थान पर पर्वतारोही ने वीरतापूर्वक बड़ी शान से तिरंगा फहराया. उन्हें चढ़ने में 16 घंटे और उतरने में 9 घंटे लगे. माउंट क्यागर पर चढ़ने के दौरान कुछ कठिनाइयां आईं लेकिन शौर्या ने उन पर काबू पाया और चढ़ाई पूरी की.
माता-पिता थे डरे हुए
शौर्या की मां के मुताबिक जिस समय शौर्या माउंट क्यागर पर चढ़ाई कर रही थीं, वे काफी डरी हुई थीं, लेकिन उन्हें यकीन था कि उनकी बेटी सफल होगी.
कुल मिलाकर शौर्या का सफर बहुत कठिन था लेकिन कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के दम पर वह सफलता के शिखर तक पहुंचीं. बहुत कम उम्र में इस चोटी पर चढ़ने का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज हो गया. इस सफलता से यवतमाल जिले का नाम नए शिखर पर पहुंच गया है.
(अबीज कारंडे की रिपोर्ट)