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ओडिशा में नवरात्रि से पहले मुस्लिम कारीगर तैयार करते हैं मां दुर्गा की झांकी, वर्षों से चली आ रही परंपरा

कटक के बांका बाजार में रहने वाले मुस्लिम कारीगर पीढ़ियों से मां दुर्गा की झांकियां तैयार करते आ रहे हैं. झांकी में मां दुर्गा की मूर्ति के लिए गहने-पोशाक आदि का काम मुस्लिम कारीगरों द्वारा खुशी से किया जाता है.

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हाइलाइट्स
  • बड़ी संख्या में मुस्लिम करीगार जरी का काम करते हैं.

  • मुस्लिम कारीगर खुशी-खुशी श्रद्धा के साथ काम को बखूबी करते हैं.

पहले मां दुर्गा की झांकियां सजाई जाती हैं. खास बात यह है यहां मुस्लिम कारीगर मां दुर्गा की झांकी के लिए जरुरी पोशाक और गहनों से लेकर ढांचा तैयार करने तक सभी काम बखूबी और श्रद्धा से करते हैं. कटक में यह परंपरा मुस्लिम कारीगरों द्वारा वर्षों से चली आ रही है. 

कटक के बांका बाजार में रहने वाले मुस्लिम कारीगर पीढ़ियों से मां दुर्गा की झांकियां तैयार करते आ रहे हैं. मुस्लिम कारीगर खुशी-खुशी श्रद्धा के साथ काम को बखूबी करते हैं और इसके जरिये सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश देते हैं. उन्हें इस काम के लिए पड़ोसी राज्यों से भी बुलावा आता है.

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झांकी में मां दुर्गा की मूर्ति के लिए गहने-पोशाक आदि का काम मुस्लिम कारीगरों द्वारा खुशी से किया जाता है. बड़ी संख्या में मुस्लिम करीगार जरी का काम करते हैं. साथ ही साथ झांकी का ढांचा तैयार करते हैं. मां दुर्गा का एक झांकी तैयार करने में सैकड़ों कारीगर एक साथ काम करते हैं. आखिर में मां दुर्गा की भव्य झांकी तैयार होती है जिसका दर्शन कर श्रद्धालु प्रार्थना करते हैं.

आजतक से बातचीत में कारीगर सैयद असलम ने कहा कि हम सभी एक कारीगर हैं और करीगर सभी धर्मों का सम्मान करता है. हमारे पूर्वजों ने कई पीढ़ियों से मां दुर्गा की झांकी बनाने का कार्य किया है. हम सभी मां दुर्गा की झांकी बनाकर अपने पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं. मां दुर्गा की झांकी को तैयार करने के लिए बड़ी संख्या में कारीगरों का योगदान होता है.

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असलम ने विस्तार से कहा कि नवरात्र शुरू होने से पहले ही बड़े पैमाने पर मुस्लिम कारीगर मां दुर्गा की झांकियां बनाना आरंभ कर देते हैं. इस दौरान कारीगर माता की पोशाक और गहनों से लेकर ढांचा तैयार करने तक सभी काम बखूबी और खुशी-खुशी करते हैं. आखिर में नवरात्रा के सप्तमी से पहले मां दुर्गा की भव्य झांकी तैयार होती हैं जिसका दर्शन कर श्रद्धालु प्रार्थना करते हैं. मां दुर्गा की झांकी बनाने के लिए हमें अन्य पड़ोसी राज्यों से बुलावा आता है. साथ ही अपने इस कार्य के जरिये सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश देते हैं.