
फलों की खेती भी किसानों को मालामाल बना सकती है. बिहार के मुजफ्फरपुर के एक किसान के साथ ऐसा ही हुआ. अमरूद की खेती से इस किसान की लाखों की कमाई कर रही हैं. इस किसान के खेत का अमरूद दूसरे देश में भी फेमस है. लक्ष्मण कुशवाहा नाम के ये किसान 15 एकड़ में अमरूद की खेती करते हैं. इससे उनको खूब मुनाफा होता है.
2 बीघा में अमरूद की खेती से शुरुआत-
लक्ष्मण कुमार कुशवाहा मुजफ्फरपुर के पानापुर गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने अमरूद की खेती से इलाके में अपनी अलग पहचान बनाई है. किसान लक्ष्मण ने 2 बीघा से अमरूद की खेती शुरू की थी. लेकिन आज करीब 15 एकड़ में बागवानी करते हैं. हालांकि इस साल किसान को मौसम का साथ नहीं मिला. समय पर बारिश न होने से उत्पादन पर असर पड़ा. लेकिन उन्होंने इस नुकसान की भरपाई वैज्ञानिक तकनीक से बागवानी करके करने की कोशिश की है.
30 लाख रुपए की सालाना कमाई-
हिंदी डॉट न्यूज18 डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक लक्ष्मण कुशवाहा बागान से 60 लोगों को रोजगार भी मिलता है. इसमें तुड़ाई से लेकर पैकिंग तक से जुड़े लोग शामिल हैं. इस बागवानी से किसान को 30 लाख रुपए सालाना की कमाई होती है. इस बागान की एक अमरूद की कीमत 5 रुपए से 15 रुपए तक होती है. बागान में 50 ग्राम से 500 ग्राम तक के अमरूद तैयार होते हैं. किसान लक्ष्मण कुशवाहा के बागान से अमरूद की सप्लाई नेपाल के काठमांडू तक होती है. नेपाल की राजधानी में इस अमरूद को खूब पसंद किया जाता है.
कैसी होती है अमरूद की बागवानी?
अमरूद की बागवानी के लिए सबसे पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करना होगा. इसके लिए खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए. इसमें गोबर की खाद मिलानी चाहिए. इसमें बीज या कलम विधि से पौधे लगा सकते हैं. पौधों के बीच 5X5 मीटर का फासला होना चाहिए. पौधों को 25 सेंटीमीटर की गहराई में लगाना चाहिए. फरवरी-मार्च या अगस्त-सितंबर में अमरूद का पौधा लगाना चाहिए. पौधे लगाने के बाद फौरन इसमें पानी देना चाहिए. इसके बाद 10 से 15 दिन के अंतराल में पानी देना चाहिए. अमरूद का फल 2-3 साल में मिलने लगता है. लेकिन 8-10 साल बाद पेड़ से पूरी क्षमता के साथ फल मिलने लगता है.
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