
घर पर पालतू जानवरों को रखना हर किसी को पसंद है. ये जानवर हमारी कई प्रकार से सहायता करते हैं. जैसे कुत्ता घर की रखवाली करता है तो कुछ अन्य पेट्स अकेलेपन को दूर करते हैं. ये पेट्स हमारे घर के सदस्य की तरह होते हैं. हर साल हम 11 अप्रैल को नेशनल पेट्स डे यानी राष्ट्रीय पालतू दिवस मनाते हैं. आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व.
सबसे पहले अमेरिका में मनाया गया
नेशनल पेट्स डे मनाने की शुरुआत साल 2006 में पशु कल्याण अधिवक्ता और विशेषज्ञ कोलीन पेज ने की थी. कोलीन ने पालतू जानवरों के साथ अपने रिश्ते का जश्न मनाने के लिए 11 अप्रैल को नेशनल पेट्स डे की स्थापना की थी. तब से हर वर्ष 11 अप्रैल को अमेरिका में नेशनल पेट्स डे मनाया जाने लगा. इसके बाद इंडिया सहित कई अन्य देशों में भी लोगों ने इसे मनाना शुरू कर दिया.
ये होते हैं फायदे
नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ के मुताबिक पशुओं के साथ बातचीत करने से कोर्टिसोल (तनाव से संबंधित हार्मोन) के स्तर में तेजी से कमी आती है और रक्तचाप में भी कमी देखी गई है. अन्य अध्ययनों में पाया गया है कि जानवर अकेलेपन को कम कर सकते हैं, सामाजिक समर्थन की भावनाओं को बढ़ा सकते हैं और आपके मूड को बढ़ा सकते हैं. पालतू जानवर हमारे मानसिक और भावनात्मक कल्याण में भी सुधार लाते हैं जिससे तनाव, चिंता और अवसाद में कमी आती है. पालतू जानवर आपको अपनेपन का एहसास करवाते हैं.
इस दिन क्या करें
पेट्स डे के दिन आप अपने पालतू जानवर को लेकर घर से बाहर घूमने जा सकते हैं. पेट के साथ यादगार लम्हों को हमेशा के लिए कैद करने के लिए तस्वीरें लें. इस दिन पेट्स को उनकी पसंद का खाना खिलाएं. इस दिन अपने पेट्स पर खूब सारा प्यार बरसाएं.
ऐसे रखें पालतू जानवरों का ख्याल
पालतू जानवरों को नियमित वेटेनरी स्पेशलिस्ट को दिखाएं. टीकाकरण करवाएं. पालतू जानवरों के बीमार होने पर डॉक्टरों से सलाह लेने के बाद ही दवाइयां देनी चाहिए. पालतू जानवरों के खान-पान का विशेष ध्यान देना चाहिए. अगर आप किसी विदेशी ब्रीड के जानवर पालने के बारे में सोच रहे हैं तो यह भी ख्याल रखें कि आपके शहर का मौसम उसके लिए फिट है या नहीं. किसी भी हाल में 6-8 हफ्ते से छोटा कुत्ता न खरीदें और न ही अडॉप्ट करें. इससे कम उम्र के कुत्ते को मां के दूध की काफी जरूरत होती है और अगर वह न मिले तो वह बीमार हो सकता है. पालतू कुत्ते को उसके रहने की जगह पर ही खिलाएं जिससे उसे पता चल जाए कि यह उसका घर है. सुबह और शाम पॉटी और पेशाब के लिए घर के बाहर ले जाएं तो अच्छा रहेगा. मछलियों को लिविंग रूम में रखना बेहतर होता है.