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कूड़ा इकट्ठा कर बेहतरीन प्रोडक्ट बनाती है ये टैक्सटाइल डिजाइनर, इनकी बनाई ड्रेस Lakme Fashion वीक में दिखाई जा चुकी

नोएडा की मटेरियल रिसर्च शुभी सचान घरों में होने वाला वेस्ट यानी कूड़ा या कोई ऐसा सामान जो खराब हो चुका है, कोई ऐसा कपड़ा जो फट चुका हो या कोई चादर जिसका रंग उड़ चुका है, उसे इकट्ठा कर उसे दोबारा इस्तेमाल में लाने का काम करती हैं.

Shubhi Sachan Shubhi Sachan

मुंबई जैसे महानगरों में इकट्ठा होता कूड़ा और बढ़ते कूड़े के पहाड़ वहां रहने वाले लोगों के लिए बड़ी समस्या और सरकारों के लिए भी एक चुनौती है. लाखों टन कूड़ा रोज घरों से इकट्ठा किया जाता है और फिर उसे एक जगह फैला कर इकट्ठा कर लिया जाता है और धीरे-धीरे यह कूड़े के पहाड़ में तब्दील हो जाता है. ऐसे कूड़े के पहाड़ प्रदूषण बढ़ाते हैं और आसपास रह रहे लोगों के लिए मुश्किल पैदा करते हैं. इन कूड़े के पहाड़ों से जहरीली गैस निकलने लगती है जोकि कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनती है.

वेस्ट मैटेरियल को करती हैं रिसाइकल
नोएडा की मटेरियल रिसर्च शुभी सचान घरों में होने वाला वेस्ट यानी कूड़ा या कोई ऐसा सामान जो खराब हो चुका है, कोई ऐसा कपड़ा जो फट चुका हो या कोई चादर जिसका रंग उड़ चुका है, उसे इकट्ठा कर उसे दोबारा इस्तेमाल में लाने का काम करती हैं. नोएडा की शुभी सचान मैटेरियल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया कंपनी चलाती हैं. यह कंपनी किसी भी वेस्ट मटेरियल यानी किसी भी बेकार समान या कूड़े या प्लास्टिक को रिसाइकल और रीयूज करने का काम करती है.

टैक्सटाइल डिजाइनर थीं शुभी
शुभी सचान पहले एक टैक्सटाइल डिजाइनर थीं और कई बड़े-बड़े ब्रान्ड के साथ काम कर चुकी हैं. शुभी सचान कुछ अलग करना चाहती थी कि यह कपड़े जिस तरीके से बन रहे हैं उनको जो सामान पहले से ही उपस्थित है उससे भी बनाया जा सकता है. इसलिए उन्होंने अपनी कंपनी खोली. अब शुभी सचान नोएडा गाजियाबाद में लोगों के घरों से वेस्ट मैटेरियल यानी खराब सामान या कूड़ा इकट्ठा करती हैं फिर उस कूड़े को रिसाइकल कर रीयूज करती हैं और अलग-अलग प्रोडक्ट बनाती हैं. शुभी सचान ने वेस्ट मैटेरियल ( खराब समान ) से बेहद अलग अलग प्रोडक्ट बनाए हैं, तकिया, बैग यहां तक कि पहनने वाले कपड़े और अच्छी सुंदर ड्रेसेस भी बनाई है. चिप्स कुरकुरे प्लास्टिक के बोतल से भी सुभि सचान ने एक ऐसा बैग बनाया जो काफी मजबूत है और बेहद यूनिक भी है.

पहले स्टेज में ही कूड़ा इकट्ठा करना लक्ष्य
शुभी सचान की सोच है कि कूड़े को पहले स्टेज में ही इस्तेमाल कर लिया जाए यानी जहां से कूड़ा निकल रहा है, वहीं से इस कूड़े को रोक लिया जाए. कूड़े को इकट्ठा कर फिर उसे दोबारा इस्तेमाल किया जाए. मैटेरियल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया फैक्ट्री से भी कचरा इकट्ठा करता है 1 दिन में कम से कम 5 टन कूड़ा इकट्ठा कर लेते हैं फिर उसे साफ कर उसकी काबिलियत के हिसाब से उससे प्रोडक्ट बनाते हैं.

वेस्ट मैटेरियल से डिजाइन किए बेहतरीन कपड़े
शुभी सचान ने खराब कपड़े और वेस्ट मैटेरियल से कुछ ऐसी ड्रेसेस बनाई जो Lakme fashion वीक में भी दिखाई गई हैं. सुभी सचान की कोशिश है की कूड़े को किसी भी तरीके से बढ़ने से रोका जाए. कूड़े को एक यूजफुल प्रोडक्ट में बदल दिया जाए ताकि पर्यावरण भी साफ रहे और किसी भी चीज की बर्बादी ना हो सके.