India gets first school made of sugarcane waste bricks in Noida
India gets first school made of sugarcane waste bricks in Noida भारत में आर्किटेक्चर क्षेत्र में हर रोज नए-नए बदलाव आ रहे हैं. कंस्ट्रक्शन को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए अलग-अलग निर्माण मैटेरियल्स पर एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं. हाल ही में, नोएडा में गन्ने के कचरे से बने कंस्ट्रक्शन मैटेरियल से एक स्कूल का निर्माण किया गया है. आपको शायद यकीन न हो लेकिन यह सच है. उत्तर प्रदेश के नोएडा में गन्ने के कचरे से बना यह स्कूल देश में ग्रीन आर्किटेक्चर की तरफ एक अहम कदम है.
यह प्रोजेक्ट यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन (UEL), इंडियन मैन्यूफेक्चरर केमिकल सिस्टम्स टेक्नोलॉजीस (CST) और पंचशील बालक इंटर कॉलेज (PBIC) के बीच कॉलोबोरेशन है. यह स्कूल पंचशील बालक इंटर कॉलेज में बनाया गया है. अच्छी बात यह है कि गन्ना उत्पादन के मामले में दुनियाभर में भारत टॉप पर है. ऐसे में, यह कंस्ट्रक्शन सेक्टर में मददगार हो सकता है.
शुगरक्रीट का प्रयोग सिर्फ इस स्कूल तक सीमित नहीं है. यह टीम अब एक एनजीओ प्रयत्न फाउंडेशन के सहयोग से हरियाणा के हिसार में एक और शुगरक्रीट-बेस्ड फैसिलिटी का निर्माण कर रही है. यह केंद्र 150 गरीब बच्चों को सुविधाएं देगा.
यूईएल के छात्रों और कर्मचारियों ने लोकल पॉलिटेक्निक छात्रों और रिसर्चर्स के साथ हिसार में वर्कशॉप्स भी आयोजित कीं. इन वर्कशॉप्स में बताया गया कि भारत के देशी रेशों और प्राकृतिक रंगों का उपयोग इनडोर तापमान को कंट्रोल करने के लिए कैसे किया जा सकता है.
सीसीएस हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के संस्थापक सुनील शिंगल और यूईएल के बीच भारत भर में शुगरक्रीट के इस्तेमाल का विस्तार करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए.