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Woman Govt. Driver: ओडिशा की पहली महिला सरकारी ड्राइवर बनी संध्या माझी, PM मोदी ने दी बधाई

घर की जरूरत के हिसाब से संध्या ने कुछ समय पार्लर में काम किया. ड्राइविंग सीखने के बाद उन्होंने टैक्सी भी चलाई.

Sandhya Rani Majhi Sandhya Rani Majhi

ओडिशा की 45 साल की संध्या रानी माझी (Sandhya Rani Majhi) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. वह राज्य की पहली सरकारी महिला ड्राइवर बनीं. उन्होंने पूरे देश के लिए महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है. उम्मीद है कि अब देश में और भई बेटियां इस दिशा में कदम उठाएंगी. 

कैसे हुई ड्राइविंग की शुरुआत?  

ओडिशा के मयूरभंज जिले के सुलेपत गांव से ताल्लुक रखने वाली संध्या रानी ने ग्रेजुएशन की हुई है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, संध्या की ड्राइविंग की शुरूआत मोटरसाइकिल चलाकर हुई. साल 2011 में उन्होंने हल्का मोटर वाहन (LMV) लाइसेंस हासिल किया. संध्या के पति ड्राइवर हैं और उनसे ही प्रेरणा लेकर उन्होंने धीरे-धीरे कार चलाना सीखा. 

कैसा रहा प्रोफेशनल सफर? 

घर की जरूरत के हिसाब से संध्या ने कुछ समय पार्लर में काम किया. ड्राइविंग सीखने के बाद उन्होंने टैक्सी भी चलाई. साल 2023 में जाजपुर के छतिया ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से भारी मोटर वाहन (HMV) लाइसेंस हासिल किया. जून 2025 में, छतिया ट्रेनिंग सेंटर से कॉल आने पर संध्या ने ड्राइवर के पद के लिए आवेदन किया और फिर उनकी नियुक्ति हुई. 

किसकी गाड़ी चलाती हैं संध्या?

संध्या वर्तमान में, वाणिज्य एवं परिवहन विभाग की प्रधान सचिव उषा पाढ़ी की सरकारी गाड़ी चलाती हैं. प्रधान सचिव उषा पाढ़ी ने इसे एक प्रेरक उदाहरण बताया. उन्होंने कहा, "संध्या रानी की साहसिक यात्रा ने लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ दिया." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संध्या की तारीफ कर चुके हैं. पीएम ने कहा कि संध्या की नियुक्ति महिला सशक्तीकरण और समावेशिता का प्रतीक हैं. 

महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने भी उन्हें बधाई दी और इसे लिंग समानता की दिशा में बड़ा कदम बताया. उनका पदभार ओडिशा में महिला ड्राइवरों के लिए नए अवसर और प्रेरणा का स्रोत बना है. अब ओडिशा में, स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के ‘Women Suvahak’ अभियान के तहत हर साल लगभग 500 महिला ड्राइवरों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई जा रही है.