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Restaurant on Wheels: रेलवे ने खराब पड़े पुराने कोच में बना दिया multi-cuisine रेस्टोरेंट, एक-साथ बैठ सकते हैं 32 लोग

रेलवे के अधिकारियों ने एक खराब पड़े कोच को मल्टी-क्यूजीन रेस्तरां में बदल दिया है. इससे गाड़ियों का इंतजार कर रहे लोगों को स्टेशन पर बैठकर स्वादिष्ट भोजन खाने का अवसर मिलेगा. अभी ये सुविधा पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर स्थित है.

RESTAURANT ON WHEELS RESTAURANT ON WHEELS
हाइलाइट्स
  • वेज-नॉनवेज दोनों सुविधा

  • एक साथ खाना खा सकेंगे 32 लोग

प्राचीन हरी-भरी पहाड़ियां और गरमा गरम मोमोज का स्वाद लेना हो तो पूर्वोत्तर जाइए. लेकिन उत्तर बंगाल में आने वाले पर्यटक अब ट्रेन के केबिन में बैठकर इसका आनंद ले सकते हैं और इसके लिए उन्हें किसी टिकट भी जरूरत नहीं है.

उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे ने अपनी तरह के पहले और हर साल उत्तर बंगाल आने वाले सैकड़ों और हजारों पर्यटकों के लिए पहियों पर एक रेस्तरां का उद्घाटन किया है. इस पहल के तहत, अधिकारियों ने एक जर्जर रेलवे कोच को एक बेहतरीन और सुंदर रेस्तरां में बदल दिया है.

वेज-नॉनवेज दोनों सुविधा
रेस्तरां सिलीगुड़ी में न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर स्थित है. पहली नजर में, रेस्तरां रेलवे स्टेशन जैसा ही लगेगा, लेकिन जब आप अंदर प्रवेश करेंगे, तो यह एक वातानुकूलित रेस्टोरेंट नजर आएगा जिसमें कई तरह के व्यंजन हैं. हावड़ा ब्रिज, लाल किला, विक्टोरिया मेमोरियल और बहुत कुछ की रूपरेखा के साथ बाहरी हिस्से को पीले रंग से रंगा गया है. रेस्‍तरां में वेज से लेकर नॉन-वेज वैरायटी के ढेर सारे विकल्‍प उपलब्‍ध हैं.

आगे और प्रोजेक्ट आएंगे
रेस्तरां के प्रबंधक बिस्वजीत जाना ने कहा, "भारतीय, चीनी और दक्षिण व्यंजनों से लेकर सभी प्रकार के भोजन उपलब्ध हैं." उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे के एडीआरएम संजय चिलवारवार ने कहा,"महाप्रबंधक अंसुल गुप्ता को सबसे पहले इस रेलवे कोच रेस्तरां का विचार आया. इसे पहले न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर बनाया गया था. भविष्य में पहाड़ स्टेशन पर भी इसी तरह टॉय ट्रेन के कमरों के साथ रेस्तरां बनाए जाएंगे. एक तरफ आय बढ़ेगी और दूसरी तरफ यात्री ट्रेन में बैठकर रेस्तरां में खाने का आनंद ले सकेंगे, ”

एक साथ खाना खा सकेंगे 32 लोग
रेस्तरां के पीछे के विचार के बारे में बोलते हुए, चिलवारवार ने इंडिया टुडे को बताया, “यात्रियों को अब भोजन की तलाश नहीं करनी पड़ेगी. उन्हें एक स्वच्छ वातावरण मिलेगा." ट्रेन के लेट होने की स्थिति में प्रतीक्षा करने वालों के लिए रेस्तरां का उपयोग लाउंज क्षेत्र के रूप में भी किया जा सकता है. चिलवारवार ने कहा, "इन बातों को ध्यान में रखते हुए, रेलवे अधिकारियों ने कोच को एक रेस्तरां में बदलने का फैसला किया." इसमें लगभग 32 लोग एक साथ बैठकर खा सकते हैं. दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के तहत सुकना, तिंधरिया, कारसेओंग और दार्जिलिंग में भी इसी तरह के कोच रेस्तरां खोले जाएंगे, जहां पर्यटक टॉय ट्रेन के कमरे में बैठकर रेस्टोरेंट का खाना खा सकेंगे. अत्याधुनिक किचन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहेगा, जहां कर्मचारी दो पालियों में काम करेंगे

(जॉयदीप बाग के इनपुट)