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Leech Inside Man's Nose: वॉटरफॉल में नहाते समय नाक में घुस गया था जिंदा जोंक, डॉक्टरों ने 19 दिन बाद आॉपरेशन से निकाला

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले सीशील मवार महज 19 साल के हैं. दो हफ्ते पहले कॉलेज से छुट्टी के बाद वह अपने दोस्तों के साथ उत्तराखंड घूमने गए. उस दौरान पहाड़ों के बीच से झरना यानी वॉटरफॉल देखा जिसमें वह अपने दोस्तों के साथ नहाने लगे.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

अगर आप भी वॉटरफॉल में नहाने जा रहे हैं तो इस खबर को एक बार जरूर पढ़ें और ऐसी चीजों से सावधान भी रहें क्योंकि आपकी मस्ती चंद मिनट में आपको नुकसान भी पहुंचा सकती है. कुछ ऐसा ही वाकया प्रयागराज के रहने वाले एक युवक के साथ हुआ, जो अपने कुछ दोस्तों के साथ उत्तराखंड वॉटर फॉल में नहाने गया था. नहाते वक्त उसकी नाक में जोंक घुस गया.

वॉटरफॉल में मस्ती करते समय तो शख्स को कुछ पता नहीं चला लेकिन एक-दो दिन बीतने के बाद उसे अपनी नाक में कुछ चलने का एहसास हुआ. जब वह डॉक्टर के पास पहुंचा और चेकअप कराया तो सभी हैरान रह गए.

दोस्तों के साथ वॉटरफॉल गया था युवक
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले सीशील मवार महज 19 साल के हैं. दो हफ्ते पहले कॉलेज से छुट्टी के बाद वह अपने दोस्तों के साथ उत्तराखंड घूमने गए. उस दौरान पहाड़ों के बीच से झरना यानी वॉटरफॉल देखा जिसमें वह अपने दोस्तों के साथ नहाने लगे. इस वॉटरफॉल मस्ती करने के दौरान एक जिंदा जोंक उसकी नाक में घुस गया.

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उस दिन तक तो उसको इस बात का पता नहीं चला लेकिन कुछ दिन बाद ही उसकी नाक से खुजली और अजीब से चिपकने की चीज महसूस होने लगी. युवक ने जब डॉक्टर से अपनी परेशानी बताई कि उसके नाक में अजीब सी हलचल हो रही है और नाक से खून भी निकल रहा है तो डॉक्टरों ने ट्रीटमेंट शुरू कर दिया.

इस तरह जोंक पहुंचा सकता था युवक को नुकसान

जोंक एक ऐसा कीड़ा होता है जो गीले और नमी वाली जगह पर मिलता है और ये जिस जगह चिपक जाता है उसे बहुत नुकसान पहुंचाता है. जोंक अगर युवक की नाक से होते हुए दिमाग में प्रवेश कर जाता तो युवक का बचना बेहद मुश्किल होता. आने वाले दिनों में अगर डॉक्टर इसे ऑपरेशन करके न निकालते तो ये जानलेवा साबित हो सकता था.

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दूरबीन तकनीक से डॉक्टर ने जोंक को निकाला जिंदा

जब मरीज को नाज़रेथ अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में ले जाया गया और जांच की गई, तो पता चला कि एक जिंदा जोंक उसके बाएं नाक में काफी गहराई में टर्बिनेट के पीछे छिपा हुआ था और धीरे-धीरे वहां से खून चूस रहा था. इस ऑपरेशन को दूरबीन तकनीक से अस्पताल के ईएनटी विभाग के सर्जन डॉ. सुभाष चंद्र वर्मा ने अंजाम दिया.

डॉ. सुभाष चंद्र वर्मा ने बताया कि मरीज उत्तराखंड के एक वॉटरफॉल के रुके हुए पानी में 2 हफ्ते पहले नहाया था. तालाब या पोखर में नहाने वाले लोगों के शरीर के बाहरी हिस्सों में जोंक चिपकी हुई तो देखने को मिल जाती है, लेकिन नाक के अंदर जोंक का मिलना एक दुर्लभ घटना है. शुक्र है कि जोक नाक के रास्ते दिमाग या आंख में नहीं गया.

-आनंद राज की रिपोर्ट