haunted place mukesh mills
haunted place mukesh mills मुंबई की मुकेश मिल्स देश की सबसे भूतिया जगहों में से एक है. यह जगह कोलाबा के समंदर के पास है. कहा जाता है कि इस रहस्यमयी जगह पर भूतों का बसेरा है. यहां पर अक्सर कई अजीबोगरीब घटनाएं होती हैं. यहां पर प्रेत आत्माएं रहती हैं. कभी इस जगह पर फिल्मों की शूटिंग होती थी, लेकिन आज ये वीरान है. शूटिंग पर रोक लगा दी गई है. लोग मुकेश मिल्स के आसपास भी जाने से डरते हैं.
172 साल पुरानी है बिल्डिंग-
इस बिल्डिंग को साल 1852 में बनाया गया था. मुकेश मिल्स 10 एकड़ में फैली हुई है. एक समय यहां कपड़े बनाए जाते थे. यह सूती कपड़ा बनाने वाली सबसे पुरानी मिलों में से एक है. साल 1970 में इस बिल्डिंग में अचानक शॉर्ट सर्किट से आग लग गई. इस हादसे में मुकेश मिल्स पूरी तरह से जल गई. 2 साल तक इसकी मरम्मत की गई और फिर से इस चालू किया गया. लेकिन कुछ सालों बाद एक बार फिर इसमें आग लग गई. एक बार फिर मिल पूरी तरह से जल गई. इस बिल्डिंग का कोना-कोना जल गया. उसके बाद से ये मुकेश मिल्स खंडहर बन गई. 1980 के बाद से इस मिल को पूरी तरह से खाली कर दिया गया.
कई फिल्मों की हुई है शूटिंग-
मुकेश मिल्स का मालिकाना हक मुलजीभाई माधवानी के पास है. उन्होंने कमाई के लिए इसे शूटिंग के लिए किराए पर देने का फैसला किया. साल 1984 में इस मिल को पहली बार भूतिया फिल्म की शूटिंग के लिए किराए पर दिया गया था. उसके बाद से इस जगह पर दर्जनों फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. मुकेश मिल्स हम, हीरेपंथी, लुका छुपी, बदलापुर और ओके जानू जैसी फिल्मों की शूटिंग हुई है. हालांकि अब मुकेश मिल्स में शूटिंग पर रोक लगा दी गई है.
भूतिया कहानियों के लिए मशहूर-
मुकेश मिल्स बहुत ही डरावनी जगह है. लोग इसके बारे में बात करने से भी डरते हैं. लोगों का मानना है कि मुकेश मिल्स में भूतों का बसेरा है.
मुकेश मिल्स में भूतिया फिल्म की शूटिंग कर चुके डायरेक्टर रेंसिल डिसिल्वा ने इसके बारे में जिक्र किया था. उन्होंने बताया था कि इस मिल की चिमनी और पीपल के पेड़ के आसपास की जगह डराने वाली है. इस चिमनी और पेड़ के बारे में कहा जाता है कि इसपर प्रेत आत्माएं रहती हैं.
एक कहानी प्रचलित है कि बीते जमाने में फिल्म की शूटिंग के दौरान एक एक्ट्रेस ने मर्दाना आवाज में क्रू मेंबर्स को जाने कहा. जिसके बाद डायरेक्टर ने मान लिया कि ये कोई भूत है और पैकअप करा दिया. हालांकि इन दावों में कितनी सच्चाई है, ये कोई नहीं जानता है.
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