
राजस्थान की धरती अपनी विविधता और रहस्यों के लिए जानी जाती है. यहाँ की रेतीली मिट्टी में कई ऐसे चमत्कार छिपे हैं, जो लोगों को आश्चर्यचकित कर देते हैं. ऐसा ही एक अजूबा अजमेर शहर के कुंदन नगर में देखने को मिला, यहां जाटोलिया परिवार के घर में एक ऐसा पेड़ है, जो असली सिंदूर उगलता है.
रेगिस्तान में सिंदूर का पेड़-
हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले सिंदूर के पेड़ का रेगिस्तान में मिलना दुर्लभ ही है. लेकिन इस अनोखे पेड़ ने अजमेर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर लोगों को हैरान कर दिया है. यह पेड़ अब पूरे क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बन चुका है. लोग दूर-दूर से कुदरती सिंदूर लेने के लिए जाटोलिया परिवार के घर आते हैं.
इस पेड़ को पवित्र माना जाने लगा है और दीपावली के अवसर पर इसकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि यह पेड़ पूरे राजस्थान में एकमात्र है, जो अजमेर में मौजूद है.
मंदिर में होता है इस सिंदूर का इस्तेमाल-
पड़ोस में रहने वाले जगदीश विजयवर्गीय बताते हैं कि पेड़ के मालिक अशोक जाटोलिया इस पेड़ को भोपाल से लाए थे. वह इस पेड़ की बच्चों की तरह देखभाल करते हैं और इसकी पूजा करते हैं. इस पेड़ से निकलने वाले सिंदूर का उपयोग मंदिरों में किया जाता है और यह किसी भी धार्मिक आयोजन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
केमिकल-फ्री है यह सिंदूर- स्थानीय
पड़ोस की महिलाओं का कहना है कि यह सिंदूर केमिकल-फ्री है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. वे इस सिंदूर के पेड़ को पवित्र मानती हैं और मानती हैं कि यह शुभता का प्रतीक है.
इस अनोखे पेड़ ने अजमेर में आस्था और आश्चर्य का एक अनूठा संगम बना दिया है. यह कुदरत के करिश्मे का एक जीवंत उदाहरण है, जो हमें प्रकृति की अद्भुत शक्तियों से परिचित कराता है. यह पेड़ न केवल एक दुर्लभ वनस्पति है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का भी प्रतीक बन गया है, जो अजमेर के लोगों के दिलों में विशेष स्थान रखता है.
(चंद्र शेखर की रिपोर्ट)
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