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जिम्मेदारियों के चलते छोड़ी थी पढ़ाई, अब 10 साल बाद दी 10वीं की परीक्षा.... मिले 93% अंक, सास ने भरा फॉर्म तो पति ने करवाई तैयारी

करीब 10 साल पहले कश्मीर के एक छोटे से गांव की सबरीना ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी. अपने तीन बच्चों और जिम्मेदारियों के चलते उन्हें ये फैसला लेना पड़ा था. लेकिन अब एक बार फिर से उन्होंने 10वीं की परीक्षा देने का सोचा और उनकी मेहनत सफल हुई. इसमें सबरीना के पूरे परिवार ने उनका साथ दिया.

अपनी मेहनत से सफल हुई सबरीना (प्रतीकात्मक तस्वीर) अपनी मेहनत से सफल हुई सबरीना (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • बहन, भाभी और पति ने की तैयारी में मदद 

  • परिवार ने दिया पूरा साथ 

कहते हैं पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है. इसी का जीता-जागता उदाहरण हैं कश्मीर की रहने वाली सबरीना खलीक. करीब 10 साल बाद सबरीना ने अपनी पढ़ाई को फिर से शुरू किया और 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए. फेमिना वेबसाइट के मुताबिक, सबरीना अभी तीन बच्चों की मां हैं. बताते चलें कि कश्मीर के कुपवाड़ा की रहने वाली सबरीना ने घर की जिम्मेदारियों को देखते हुए 10 साल पहले अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी. लेकिन अब उनमें इसे पूरी करने की अलख जगी औरल उन्होंने फिर से शुरू करने की ठानी.   

परिवार ने दिया पूरा साथ 

जब सबरीना के सामने अपनी पढ़ाई फिर से करने का मौका आया तो उसने तुरंत बिना कुछ सोचे इसे करने का सोचा. अपने परिवार के समर्थन से सबनीरा का जोश और भी बढ़ गया. इतना ही नहीं सबरीना की सास ने उनकी कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा के लिए उसका आवेदन प्राप्त किया. बाकी की कागजी कार्रवाई को सबरीना ने खुद पूरा किया. ऐसे में भला रिजल्ट में कैसे कमी आ सकती थी. सबरीना के बोर्ड परीक्षा में 93.4% अंक आए. 

बहन, भाभी और पति ने की तैयारी में मदद 

सबरीना की बहन और भाभी, जिनमें से सभी ग्रदुएटेड हैं, ने परीक्षा उनके एग्जाम की तैयारी करवाई. वहीं उनके पति सज्जाद अहमद डार ने उन्हें अरिथमेटिक में कोचिंग दी. सबरीना ने एक प्राइवेट कैंडिडेट के रूप में परीक्षा दी थी. सबरीना के रिजल्ट का जश्न पूरे गांव अवुरा में मनाया गया. बता दें कि ये क्षेत्र कुपवाड़ा की सीमावर्ती बस्ती में एक दूरस्थ जिला है, जहां जम्मू और कश्मीर में सबसे कम महिला शिक्षा दर है.

500 में से मिले 467 अंक 

दरअसल, सबरीना पहले यह बताते हुए हिचकिचा रही थीं कि उन्होंने अपनी उम्र और दस साल के अंतराल के बाद अब 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास की है. लेकिन जब लोगों ने उसे बधाई देना शुरू किया, तो उन्हें काफी खुशी हुई. उसने सभी पांच परीक्षाएं पूरी कीं और उन्हें 500 में से 467, यानि  93.4% अंक प्राप्त हुए.