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Saharanpur: ऐतिहासिक गूघाल मेला का भव्य आयोजन, हर साल जुटते हैं हजारों लोग

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ऐतिहासिक गूघाल मेला हर साल लगता है. इस मेले का आयोजन 23 दिन तक चलेगा. इस साल ये मेला 27 सितंबर तक रहेगा. मेले में प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

Gughal Fair Gughal Fair

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का गूघाल मेला एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में जाना जाता है. जिसका आयोजन हर वर्ष काली मंदिर से बड़े धूमधाम से किया जाता है. यह मेला कई दशकों से लगातार लगता आ रहा है और सहारनपुर ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल होते हैं. गूघाल मेले की शुरुआत का इतिहास धार्मिक आस्था और सामाजिक मेल-जोल से जुड़ा हुआ है. मान्यता है कि जाहरवीर गोगा मेरी से इस मेले की शुरुआत होती है, पहले गोगाम्हाड़ी पर 3 दिन का मेला लगता है, जिसके बाद काली मंदिर पर विशेष रूप से गूगल मेले का आयोजन किया जाता है, जिसके बाद धीरे-धीरे इसका स्वरूप भव्य और विशाल होता गया. समय के साथ यह मेला केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें मनोरंजन, व्यापार और सामाजिक कार्यक्रम भी जुड़ते चले गए. इसी कारण से आज यह मेला सहारनपुर की पहचान और परंपरा बन चुका है.

ऐतिहासिक गूघाल मेला-
इस वर्ष भी गूघाल मेले का आयोजन भव्य तरीके से किया गया है, जिसमें सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है. मेले में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और पुलिस बल लगातार गश्त कर रही है, ताकि आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े. मेले की सबसे खास बात यह है कि इसमें जापानी तकनीक से बने आधुनिक झूले लगाए गए हैं, जो बच्चों और युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. इसके साथ ही जलपरी शो भी आयोजित किया जा रहा है, जिसे देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ रही है.

27 सितंबर तक मेले का आयोजन-
मेला आयोजक सनी गुप्ता ने बताया कि यह मेला 5 तारीख को मंत्री और मेयर के द्वारा उद्घाटित किया गया था और 10 तारीख से आम जनता के लिए खोला गया है, जो 27 तारीख तक चलेगा. इस मेले का टेंडर 3 करोड़ 8 लाख रुपए में फाइनल हुआ है और 23 दिन के लिए इसकी अनुमति दी गई है. उनका कहना है कि वे 2001 से मेलों का सफल आयोजन कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश के बड़े महोत्सव जैसे लखनऊ महोत्सव, नोएडा महोत्सव, ताज महोत्सव और कानपुर महोत्सव का आयोजन भी उनकी टीम द्वारा किया गया है.

हर साल लगता है मेला-
गूघाल मेला सहारनपुर की ऐतिहासिक धरोहर है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से भी अहम भूमिका निभाता है. यहां व्यापारियों को अपने सामान बेचने का अवसर मिलता है और स्थानीय लोगों को सस्ते और मनोरंजक साधनों का आनंद मिलता है. यही वजह है कि हर वर्ष हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं और मेले की रौनक बढ़ाते हैं. इस मेले ने सहारनपुर की पहचान को न केवल प्रदेश में बल्कि देशभर में अलग स्थान दिलाया है और आज भी उसी परंपरा और उसी उत्साह के साथ इसका आयोजन किया जा रहा है.

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