
वैसे तो पुलिस को अक्सर क्राइम से ही जोड़ा जाता है लेकिन पुलिस का काम सिर्फ क्रिमिनल्स को पकड़ने तक सीमित नहीं है. पुलिस समाज में कई जरूरी भूमिकाएं निभा सकती है. जैसा की उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पुलिस कर रही है. परिवारों को बचाने और वैवाहिक कलह को कम करने की एक सराहनीय पहल के तहत, शाहजहांपुर पुलिस ने पिछले छह महीनों में 90 अलग हुए जोड़ों को फिर से साथ लाने में सफलता हासिल की है.
बिना कानूनी कार्रवाई सुलझाए गए विवाद
यह उपलब्धि पुलिस लाइन क्षेत्र में स्थापित परिवार परामर्श केंद्र में की गई काउंसलिंग के ज़रिए संभव हुई है. पुलिस अधीक्षक (SP) राजेश द्विवेदी ने डीएनए को जानकारी दी कि पिछले छह महीनों में केंद्र को कुल 265 वैवाहिक विवादों से जुड़े मामले मिले. इनमें से 90 मामलों का शांतिपूर्ण समाधान काउंसलिंग के ज़रिए किया गया, और सिर्फ एक मामला ऐसा था जिसमें एफआईआर दर्ज करनी पड़ी. बाकी सभी विवाद बिना कानूनी कार्रवाई के सुलझा लिए गए.
आम समस्याएं और उनका समाधान
परामर्श केंद्र में आने वाले मामलों में ज्यादातर में घरेलू हिंसा, शराब की लत, परिवार की उपेक्षा, संदेह, ससुराल पक्ष की दखलअंदाज़ी, दहेज विवाद और अवैध संबंध शामिल थे. एसपी द्विवेदी ने बताया कि जब भी शादी से जुड़े किसी विवाद की शिकायत आती है जैसे कि शोषण या प्रताड़ना, तो उसे पहले परिवार परामर्श केंद्र भेजा जाता है, ताकि कानूनी कार्रवाई से पहले आपसी बातचीत से समाधान निकाला जा सके.
नया फॉलो-अप कार्यक्रम
काउंसलिंग के बाद दंपत्ति दोबारा पुराने विवादों में न फंसें, इसके लिए शाहजहांपुर पुलिस ने एक नया फॉलो-अप प्रोग्राम भी शुरू किया है. समस्या सुलझने के एक महीने बाद पुलिस फोन पर फॉलो-अप करती है. इसके बाद स्थानीय पुलिसकर्मी अगले छह महीने या उससे ज्यादा समय तक दंपत्ति के घर नियमित रूप से दौरे करते हैं. इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि समस्या का समाधान टिकाऊ हो और दंपत्ति खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हों.
अनुभवी काउंसलर और साइकोलॉजिस्ट की मदद
हालांकि, यह परामर्श केंद्र पिछले दस सालों से मौजूद है, लेकिन हाल के सालों में इसकी सफलता बढ़ी है, क्योंकि अब इसमें प्रशिक्षित काउंसलर और मनोवैज्ञानिक भी शामिल हैं. ये प्रोफेशनल्स गहराई से मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का समाधान करते हैं, जो सामान्य सलाहकार नहीं कर पाते.
एक मामला था 35 वर्षीय महिला का, जिसे उसका पति ससुराल वापस लाने को तैयार नहीं था. काउंसलिंग के दौरान पता चला कि महिला का एक अन्य पुरुष के साथ संबंध था. महिला ने उस रिश्ते को समाप्त करने पर सहमति जताई और अब अपने पति के साथ खुशी-खुशी रह रही है.
यह पहल दर्शाती है कि अगर संवेदनशीलता, संवाद और सही मार्गदर्शन हो, तो वैवाहिक समस्याओं को अदालत की चौखट तक पहुंचाए बिना भी सुलझाया जा सकता है. शाहजहांपुर पुलिस की यह कोशिश समाज में वैवाहिक स्थिरता और पारिवारिक मूल्यों को मज़बूती दे रही है.