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Ideal Village Baghuwar: एक गांव ऐसा भी! Education, Cleanliness से लेकर Water Conservation तक, हर चीज में नंबर वन

मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के करेली जनपद में स्थित ग्राम बघुवार ने ग्रामवासियों की अच्छी सोच से विकास की एक अनोखी मिसाल पेश की है.

Smart Village Baghuwar Smart Village Baghuwar

कोई गांव अगर ठान ले, तो विकास की ऐसी तस्वीर रच सकता है जो बड़े-बड़े शहर भी नहीं कर पाते. मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के करेली जनपद में स्थित ग्राम बघुवार ने ग्राम वासियों की अच्छी सोच से विकास की एक अनोखी मिसाल पेश की है. यह नरसिंहपुर जिले का एक छोटा-सा गांव है लेकिन यहां के लोगों की सोच और काम बड़े-बड़े शहरों को भी हैरान कर सकते हैं.

पूर्व सरपंच ने की थी शुरुआत 
गांव के लोगों ने ऐसा विकास किया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी यहां के हालात देखने खुद पहुंचे थे. इस सबकी शुरुआत की थी यहां के पूर्व सरपंच सेठ भैया ने. उन्होंने संकल्प लिया कि गांव को मिलकर बदलना है और पूरा गांव उनके साथ खड़ा हो गया. अब वह नहीं हैं लेकिन ग्रामवासियों ने उनकी प्रतिमा लगाकर उनके आदर्श पर चल रहे है. यहां शिक्षित लोगों ने गांव के विकास का भरपूर सहयोग किया है. 

खास बात यह है कि यहां बेटियों की शिक्षा पर खास ध्यान दिया जा रहा है. सभी ग्रामवासियों ने इसके लिए सहयोग किया है. बेटियों की पढ़ाई में कोई बाधा ना आए इसलिए उनकी सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं. ज्यादातर मामले गांव की चौपाल पर ही सुलझा लिए जाते है. है. इतना ही नहीं, देश के स्वतंत्र होने के बाद से यहां पंचायत स्तर के चुनाव भी नहीं हुए हैं. यहां लोग मिलकर अपना सरपंच चुनते हैं. 

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सरकारी योजनाओं का सही इस्तेमाल 
गांववालों ने सरकारी योजनाओं का सही इस्तेमाल किया है. इन योजनाओं से मिलने वाली राशि को विकास कार्यों में लगाया और जरूरत पड़ने पर गांववालों ने चंदा भी इकट्ठा किया. गांव में गोबर गैस प्लांट लगाए गए हैं. पशुधन की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है. 

जल स्रोतों के संरक्षण से गांव का वाटर लेवल सुधारा गया है. एक तालाब को बांधकर वर्षा जल संग्रहण किया जा रहा है. अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम बनाकर सारा पानी एक कुएं में इकट्ठा किया जा रहा है. गांव का विद्यालय सुंदरता की मिसाल है और चारों तरफ वृक्षारोपण करके वातावरण को हराभरा बनाया गया है. 

स्वच्छता के मामले में आदर्श है गांव
स्वच्छता के मामले में बघुवार आज आदर्श बना हुआ है. यहां की अयोध्या बस्ती इसका जीता-जागता उदाहरण है. यहां इंदिरा आवास आज भी सुंदर और सुरक्षित स्थिति में हैं. सामूहिक आयोजनों के लिए गांव ने खुद का मंगल भवन भी बनवाया है जो कई साल बाद भी वैसा का वैसा है. 

इन सारे नवाचारों के कारण बघुवार गांव को कई सरकारी पुरस्कार मिल चुके हैं. ये गांव सच में स्वराज की भावना को साकार करता है. गांव के विकास की नींव रखने वाले सेठ भैया अब नहीं हैं, लेकिन उनकी प्रतिमा गांव में स्थापित है जो आज भी प्रेरणा देती है. सरकारी योजनाओं का जिस तरह से यहां क्रियान्वयन होता है, वह बताता है कि गांव की सोच अगर ऊंची हो, तो वह हर बदलाव ला सकता है. 

(अनुज मामर की रिपोर्ट)