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IIT Delhi ने तैयार किया सोलर से चलने वाला EV चार्जिंग स्टेशन...आप अपने घर में लगा सकते हैं ये स्टेशन

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की चार्जिंग स्टेशन्स पर निर्भरता कम करने के लिए आईआईटी दिल्ली ने नया प्लान तैयार किया है. IIT दिल्ली ने सोलर पावर से चलने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन को तैयार किया है.

Solar Charging Solar Charging

भारत में तेजी से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है. मेट्रो सिटीज में इनकी अच्छी खासी तादाद देखी जाती है. हालांकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन की थोड़ी समस्या है. असल में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बिजली पर निर्भर करते हैं, लेकिन IIT दिल्ली में अब इसका भी एक सोल्यूशन निकाल लिया है. IIT दिल्ली ने सोलर पावर से चलने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन को तैयार किया है. ये EV चार्जिंग स्टेशन सोलर से चार्ज होता है और फिर इसके जरिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज किया जा सकता है. IIT दिल्ली ने इसे ड्राइव (DRIIV) क्लस्टर के तहत एक प्रोजेक्ट के रूप में प्रोटोटाइप तैयार किया है. DRIIV (Delhi Research Implementation and Innovation) भारत सरकार का साइंस एंड टेक्नोलॉजी का एक क्लस्टर है.

एक घंटे में 6 यूनिट बिजली तैयार
इस प्रोजेक्ट को तैयार करने वाले विक्रांत सिंह बताते हैं कि इस सोलर पावर चार्जिंग स्टेशन में हर एक घंटे में छह यूनिट बिजली तैयार होती है. एक दिन में इससे बनने वाली बिजली से एक कार, 6 ई रिक्शा और 5 इलेक्ट्रिक बाइक्स को चार्ज किया जा सकता है. इस सोलर स्टेशन से गाड़ियां रात में भी चार्ज हो सकती हैं. इस सोलर स्टेशन की क्षमता 6.5 केवी है.

ईवी की सेकेंड हैंड बैटरी का इस्तेमाल 
इस सोलर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन में एक और खास बात है. दरअसल इस चार्जिंग स्टेशन में इलेक्ट्रिक व्हीकल की ही पुरानी बैटरी का इस्तेमाल किया गया है. ये प्रोजेक्ट IIT Delhi के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर BK पाणिग्रही की देखरेख में तैयार हुआ है. वो बताते हैं कि जो बैट्री अब इलेक्ट्रिक व्हीकल के लायक नहीं रही उन्हें इस सोलर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन से एक सेकेंड लाइफ मिल जाती है. वो बताते हैं कि एक तरह से यह स्टेशन रिन्युएबल एनर्जी को भी प्रमोट करता है. इन बैटरी को भी चार पांच साल तक आराम से इस स्टेशन में इस्तेमाल कर सकते हैं.

3 लाख में बनकर तैयार
इस 6 केवी के सोलर स्टेशन को तैयार करने में लगभग 3 लाख रुपये का खर्च आता है. एक बार ये स्टेशन तैयार होने के बाद सोलर पैनल लगभग 25 साल तक चलते हैं. सेकंड हैंड बैटरी लगभग 4-5 साल चलती है. चार साल बाद आपको दोबारा से सेकंड हैंड बैटरी दो हजार रुपए की कीमत में आसानी से मिल जाएगी. मतलब इस सोलर स्टेशन से आपकी अच्छी खासी कीमत बच सकती है.

दिल्ली की इलेक्ट्रिक बस के साथ शुरु होगा ट्रायल
इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्लस्टर ड्राइव के तहत तैयार किया गया है. ड्राइव की CEO शिप्रा मिश्रा बताती हैं कि जल्द ही इस प्रॉजेक्ट को दिल्ली सरकार के साथ भी शुरू किया जाएगा. दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में इलेक्ट्रिक बस के लिए भी इसे एक विकल्प के रूप में कैसे तैयार किया जाए इसको लेकर भी तैयारी की जा रही है.