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मिलिए 30 साल की solo bike rider से जो हिजाब पहनकर चलाती हैं बाइक...इन शहरों का कर चुकी हैं भ्रमण, अब बाइक से जाना चाहती हैं मक्का

नूर बी ने बेंगलुरु से सोलो ट्रेवल की अपनी यात्रा शुरू की थी. नूर पेशे से एक एच आर प्रोफेशनल हैं और इस बार बाइक से वो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार जाना चाहती हैं.

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वैसे तो आपने बाइक राइडर्स की कई सारी कहानियां सुनी होंगी जिनका पैशन होता है बाइक पर बैठकर पूरी दुनिया देखना. लेकिन एक बाइक राइडर लड़की वो भी हिजाब में ये वाकई थोड़ा अलग है. हालांकि नूर बी के लिए ये कोई नई बात नहीं है क्योंकि वो इन सभी रूढ़िवादी मानसिकता को तोड़ते हुए आगे बढ़ चुकी है.

नूर बी जब सड़क पर होती हैं तो लोग उनकी कई तरह से आलोचना करते हैं लेकिन ऐसा कोई भी सवाल इस 30 साल की लड़की को अपने लक्ष्य से अलग नहीं कर पाया. नूर बी ने बेंगलुरु से सोलो ट्रेवल की अपनी यात्रा शुरू की थी. नूर पेशे से एक एच आर प्रोफेशनल हैं और इस बार बाइक से वो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार जाना चाहती हैं. नूर एक नई मोटरसाइकिल के लिए बचत कर रही है और साथ ही अगले साल बेंगलुरु से मक्का, सऊदी अरब तक अकेले यात्रा की योजना भी बना रही है. नूर ने टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से कहा,“मैं इस रूढ़ि को तोड़ना चाहती हूं कि महिलाएं, खासकर मेरे धर्म की महिलाएं, दुनिया भर में अकेले सड़क यात्रा नहीं कर सकती हैं. कुछ लोगों ने ऐसा किया है. मैं दक्षिण भारत से पहली ऐसी महिला बनना चाहती हूं,'' उनके लिए मोटरसाइकिल हमेशा पहला प्यार है. नूर चेन्नई के पल्लावरम की रहने वाली हैं.

जुनून को पूरा करने के लिए छोड़ी नौकरी
नूर ने बताया कि मैं उस पृष्ठभूमि से आती हूं जहां महिलाओं को बाइक चलाने का शौक नहीं है. मैं उस बाधा को तोड़ना चाहती थी. कॉलेज के दिनों से ही मेरे दिमाग में एक मोटरसाइकिल खरीदने का ख्याल था और जैसे ही मुझे बेंगलुरु में एक आईटी फर्म में नौकरी मिली, मैंने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया. 2021 के मध्य में नूर ने अपनी सपनों की बाइक खरीदी. नूर ने बाइक खरीदने के लिए पैसे बचाए थे और साल 2012 में उन्होंने इन पैसों से कर्नाटक से रजिस्टर्ड एक रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 और कुछ बुनियादी राइडिंग गियर खरीदने में कामयाबी हासिल की और इस तरह उनके सपनों को उड़ान मिली. बाइक खरीदने के बाद नूर ने अपनी नौकरी छोड़ दी और 14 नवंबर 2021 को बेंगलुरु से अपनी पहली रोड ट्रिप पर निकल गईं. इस रोड ट्रिप को अपने परिवार वालों से भी छुपाकर रखा. बाद में, उन्होंने महाराष्ट्र के लोनावाला में एक हाईवे से यह खबर उन्हें दी.

अपने राइडिंग गियर में, 5.5 फुट लंबी नूर ने पूरे रास्ते कई लोगों का ध्यान आकर्षित किया. यह सिर्फ इसलिए नहीं था कि वो एक महिला होकर बाइक चला रही हैं बल्कि इसलिए भी क्योंकि वो हिजाब पहनकर बाइक चलाती थीं. अपनी पहली यात्रा में नूर ने महाराष्ट्र, दमन और दीव, गुजरात और राजस्थान को कवर किया और फिर दिल्ली में एंट्री की.

अपने लिए बनाए कुछ नियम
नूर खुद को 'घुमंतू हिजाबी राइडर' कहती है. वह बहुत ही कम बजट के साथ सड़कों पर निकली और अपनी इस यात्रा को सफल बनाने के लिए उन्होंने कुछ बुनियादी सुरक्षा नियमों का पालन भी किया जैसे शाम 5 बजे के बाद वो बाइक नहीं चलाती थीं और रास्ते में किसी अनजान शख्स से बहुत ज्यादा बात नहीं करती थीं. उन्होंने अन्य राइडर्स की तरह पेट्रोल स्टेशनों और पूजा स्थलों पर रात्रि आश्रय लिया. नूर ने बताया कि उत्तरी भारत के कई गुरुद्वारों, मंदिरों और आश्रमों में लोगों ने उनका खुले दिल से स्वागत किया और किसी दूसरे धर्म की होने के बावजूद खाना और रहने की जगह भी दी. 

इस दौरान वह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड भी गईं. नूर ने कहा, "नेपाल भी मेरे यात्रा कार्यक्रम का हिस्सा था और मैंने रक्सौल सीमा से बाहर निकलने और बिहार में प्रवेश करने से पहले इस खूबसूरत देश की यात्रा की." हालांकि मई 2022 में उनका एक छोटा सा एक्सिडेंट हो गया था जिसकी वजह से उनको अपनी ये यात्रा बीच में ही रोकनी पड़ी. घायल होने के कारण, नूर को अपनी क्षतिग्रस्त मोटरसाइकिल को ट्रेन से चेन्नई भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा. जुलाई 2022 तक नूर रिकवर हो गईं और बेंगलुरु आकर फिर से नौकरी करने लगीं. नूर ने कहा, "बेंगलुरु के यशवंतपुर में मैंने जो फ्लैट किराए पर लिया था, उसके लिए एक मोटी रकम का इंतजाम करने के लिए मुझे अपनी मोटरसाइकिल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा."