 Full Salary Without Work (Photo Credit: Getty)
 Full Salary Without Work (Photo Credit: Getty)  Full Salary Without Work (Photo Credit: Getty)
 Full Salary Without Work (Photo Credit: Getty) सभी को घूमने का शौक होता है. घूमने के लिए ऑफिस से छुट्टी लेने के लिए जमकर काम करना पड़ता है. सभी को घूमते हुए काम करने का मौका नहीं मिलता है. सभी को मनमर्जी छुट्टी भी नहीं मिलती है. अगर ज्यादा छुट्टी लेते हैं तो कई बार सैलरी भी पूरी नहीं आती है.
अगर आपसे कहा जाए कि जमकर घूमिए. ऑफिस आने की जरूरत नहीं है और न ही कोई काम करना है. इसके बावजूद पूरी सैलरी मिलेगी. इस बात पर यकीन नहीं करेंगे लेकिन एक शख्स के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है.
एक शख्स 6 साल से ऑफिस नहीं आया. जमकर मौज की. 6 साल से उसे हर महीने पूरी सैलरी भी मिली. आखिर बिना काम किए इस व्यक्ति को सैलरी कैसे मिलती रही? आइए इस बारे में जानते हैं.
6 साल तक काम नहीं
ये मामला स्पेन के कैडिज का है. कैडिज में जोआक्विन गार्सिया एक वॉटर ट्रीटमेंट में काम करता है. जोआक्विन गार्सिया 20 साल से इस जगह पर काम कर रहा है. जोआक्विन गार्सिया एक दिन बिना बताए गायब हो गया. उसने न तो नौकरी छोड़ी और न ही किसी से छुट्टी ली. जोआक्विन गार्सिया कुछ दिन तक नहीं आया. 
वॉटर ट्रीटमेंट में काम करने वाले लोग और अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया. इस वाटर ट्रीटमेंट में दो विभागों के बीच कन्फ्यूजन भी रहा. उनको लगा कि गार्सिया की निगरानी दूसरा विभाग देखेगा. इस तरह किस्मत और लापरवाही की वजह से गार्सिया पर किसी का ध्यान नहीं गया. जोआक्विन गार्सिया 6 साल ऑफिस नहीं आया.
बिना काम के सैलरी
द गॉर्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, जोआक्विन गार्सिया 6 साल तक ऑफिस नहीं आया. कोई काम नहीं किया लेकिन उसे सैलरी पूरी मिलती रही. जोआक्विन को सालाना 41,500 डॉलर यानी 36 लाख रुपए मिलते रहे. ये सिलसिला 6 साल तक चलता रहा.
जॉर्ज ब्लास फर्नांडीज कैडिज के डिप्टी मेयर हैं. उन्होंने ही 1990 में जोआक्विन गार्सिया को नौकरी पर रखा था. जॉर्ज ब्लास फर्नांडीज ने कहा, हमने सोचा कि वाटर कंपनी उस पर नजर रखे हुए है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था.
कैसे पकड़ा?
जोआक्विन गार्सिया के ऑफिस न आने का खुलासा एक दिलचस्प तरीके से हुआ. जोआक्विन गार्सिया 20 साल से वाटर ट्रीटमेंट कंपनी में काम कर रहे थे. उनको कंपनी की तरफ से कोई अवॉर्ड नहीं मिला था. कंपनी ने गार्सिया को उनकी वफादारी के लिए अवार्ड देने का तय किया.
अवॉर्ड देने के लिए गार्सिया को खोजा गया लेकिन जोआक्विन गार्सिया नहीं मिला. तब पता चला कि गार्सिया तो 6 साल से ऑफिस नहीं आ रहा है. कैडिज के डिप्टी मेयर जॉर्ज ब्लास ने बताया कि मैने खुद से पूछा, क्या वह रिटायर हो गया या उसकी मौत हो गई. हालांकि उसे अब भी पैसे मिल रहे हैं.
तगड़ा जुर्माना
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जोआक्विन गार्सिया के 6 साल से ऑफिस न आने पर सभी लोग हैरान रह गए. इस बारे में गार्सिया से पूछा गया. गार्सिया के वकील ने बताया कि काम के दौरान उसे परेशान किया जाता था. 
गार्सिया ने ये भी कहा कि उस जगह पर काम करने के लिए कुछ नहीं था. इसलिए वो ऑफिस नहीं आया. ये पूरा मामला कोर्ट तक पहुंचा. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने जोआक्विन गार्सिया पर 30 हजार डॉलर (25 लाख रुपए) का जुर्माना लगाया.