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नोएडा में प्लास्टिक वेस्ट से बनाई गई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा, बापू के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने की है योजना

नोएडा के सेक्टर 137 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा बनाई गई है. इसकी सबसे खास बात है कि ये प्लास्टिक वेस्ट से बनाई गई है. इसके उद्देश्य प्लास्टिक को पूरी तरह से बैन करना है. ये स्वच्छ भारत मिशन को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है.

Mahatma Gandhi (Photo: India Today) Mahatma Gandhi (Photo: India Today)
हाइलाइट्स
  • गांधी जी का सपना साकार करने की कोशिश

  • पूरी तरह प्लास्टिक बैन करने की है योजना

देश को अंग्रेजों से आजाद हुए 75 साल होने जा रहे हैं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजाद करवाने के लिए आज के ही दिन यानि 8 अगस्त 1942 को ही भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी. आंदोलन के 80 साल पूरे होने पर और स्वच्छ भारत मिशन के एक प्रतीक के रूप में राष्ट्रपिता गांधी जी की प्रतिमा बनाई गई है. सबसे खास बात है कि ये प्रतिमा प्लास्टिक वेस्ट इस्तेमाल करके बनाई गई है. बापू की इस प्रतिमा को नोएडा के सेक्टर 137 गोल चक्कर के पास स्थापित किया गया है. 

गांधी जी का सपना साकार करने की कोशिश

बता दें, महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करने के लिए इस प्रतिमा को वेस्ट से बनाया गया है. नोएडा अथॉरिटी ने एक निजी कंपनी के सहयोग से इस प्रतिमा का निर्माण किया है. अथॉरिटी का मकसद नोएडा में प्लास्टिक के उपयोग को कम करना है. आपको बता दें, यह मूर्ति 20 फीट ऊंची, 6 फीट लंबी और 6 फीट चौड़ी है, जिसका वजन 1,150 किलोग्राम है.

पूरी तरह प्लास्टिक बैन करने की है योजना

सरकार द्वारा 1 जुलाई से प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है. उसी के बाद से ही लोगों को इस आदेश का पालन करने को कहा जा रहा है. इसके साथ ही प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए इस मूर्ति का निर्माण कबाड़ को रिसाइकल करके किया गया है. 

प्लास्टिक कम करने के लिए "प्लास्टिक एक्सचेंज मोबाइल वैन "(Plastic Exchange Mobile Van) अभियान भी शुरू किया गया है. इस अभियान में लगभग 70 लोगों ने 816 किलो प्लास्टिक की बोतलों और 52 किलो पॉलीथिन को कपड़े की थैलियों, लकड़ी के स्टॉक रेट और स्टील की बोतलों से रिसाइकिल किया है.