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Success Story: दो सगे भाई... बीटेक की पढ़ाई... कोरोना काल में नौकरी छूटी तो बेचने लगे मिलेट्स प्रोडक्ट्स... आज कर रहे लाखों में कमाई... 50 महिलाओं को दे रखा है रोजगार

हम आपको आज बिहार के मुजफ्फरपुर के ऐसे दो सगे भाइयों की सफलता की कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने कोरोना काल में नौकरी जाने के बाद भी हार नहीं मानी. मिलेट्स के प्रोडक्ट्स बनाकर और इन्हें बेचकर ये दोनों भाई न सिर्फ लाखों में कमाई कर रहे हैं बल्कि 50 महिलाओं को रोजगार भी दे रखा है. आइए इन दोनों इंजीनियर भाइयों की कहानी जानते हैं.

Success story of Kushal Sheel and Ayush Kumar Success story of Kushal Sheel and Ayush Kumar
हाइलाइट्स
  • कुशल शील और आयुष कुमार बीटेक कर नोएडा में कर रहे थे जॉब

  • कोविड काल में गांव लौटने के बाद शुरू किया मिलेट्स आधारित खाद्य उत्पादों का कारोबार

Success story of Kushal Sheel and Ayush Kumar: कहावत है कि उड़ान पंखों से नहीं, बल्कि हौसलों से होती है. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले दो सगे भाइयों कुशल शील और आयुष कुमार ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिया है. दरअसल, कोरोना काल में दोनों भाइयों की नौकरी चली गई थी. इसके बवाजूद दोनों भाइयों ने हार नहीं मानी. आज ये दोनों भाई सफल उद्यमी हैं.

कुछ नया करने का किया विचार
कुशल शील और आयुष कुमार ने बीटेक तक पढ़ाई की और नोएडा की एक मोबाइल कंपनी में नौकरी करने लगे. साल 2020 में कोविड काल के दौरान जब सबकुछ ठप हो गया, तो दोनों भाइयों को गांव लौटना पड़ा. गांव में रहते हुए उन्होंने फूड आइटम में कुछ नया करने का विचार किया.

बेचने शुरू किए अपने उत्पाद
कुशल शील और आयुष कुमार ने स्थानीय किसानों के साथ मिलकर मिलेट्स यानी मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी से आटा, लड्डू, नमकीन और बिस्किट जैसे उत्पाद तैयार करने शुरू किए. इन उत्पादों को स्थानीय मेले और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए बेचना शुरू किया. धीरे-धीरे यह एक सफल मॉडल बन गया और आज ये दोनों भाई न केवल अच्छी कमाई कर रहे हैं, बल्कि करीब 50 ग्रामीण महिलाओं को भी रोजगार दे रखा है. आज जब सरकार भी मोटे अनाज को बढ़ावा दे रही है, तब इनका काम एक मिसाल बन गया है.

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...तो इसलिए इसी क्षेत्र को चुना 
उद्यमी आयुष कुमार बताते हैं कि हम कच्चा माल सीधे किसान समूह से खरीदते हैं और उसे प्रोसेस कर आटा, लड्डू, नमकीन और बिस्किट तैयार करते हैं. फिर मेले और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से बिक्री करते हैं. कुशल शील बताते हैं कि बीटेक करने के बाद नोएडा में जॉब कर रहे थे, लेकिन कोविड में गांव आना पड़ा. उस समय फूड सेक्टर बंद नहीं हुआ था, इसलिए इसी क्षेत्र को चुना. आज खुशी है कि लोग हमारे उत्पादों को पसंद कर रहे हैं.

(मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट)