Capsicum Farming
Capsicum Farming उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में एक लड़का सेना में भर्ती होना चाहता था. उसने इसके लिए 7 साल तक मेहनत की. लेकिन उसको सफलता नहीं मिली. उसकी किस्मत में सेना में भर्ती होना नहीं था. जब उसे नौकरी नहीं मिली तो उसने शिमला मिर्च की खेती करने का प्लान बनाया. उसने इसके बारे में सारी जानकारी जुटाई. फिर 2 साल पहले उसने खेती करना शुरू किया. इससे उसे लाखों की कमाई होने लगी. अब वो खेती की कमाई से पूरी तरह से संतुष्ट है.
शिमला मिर्च के 2000 पौधे लगाए-
किसान मेराज अहमद उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के रहने वाले हैं. मेराज एक एकड़ में शिमला मिर्च की खेती करते हैं. इस बार उन्होंने 2000 से अधिक पौधे लगाए हैं. मेराज पिछले 2 साल से शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं. हिंदी डॉट न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेराज ने बताया कि वो सेवनीज प्रजाति के पौधे लगाते हैं. जिससे अच्छी पैदावार होती है. इस खेती से मेराज को ढाई लाख से अधिक की कमाई होती है.
मल्च विधि से करते हैं खेती-
मेराज अहमद ने बताया कि अक्टूबर के अंत और नवंबर की शुरुआत में शिमला मिर्च के पौधे लगाते हैं. जनवरी में फसल तैयार हो जाती है. वो खेती के लिए आधुनिक और वैज्ञानिक तरीका अपनाते हैं. पौधों को खरपतवार से बचाने के लिए मल्च विधि का इस्तेमाल करते हैं. उनका कहना है कि 55 से 60 दिन के भीतर फसल तैयार हो जाती है.
7 साल तक सेना में भर्ती होने की कोशिश की-
मेराज शुरुआत में खेती नहीं करना चाहते थे. वो सेना में भर्ती होना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने 7 साल तक तैयारी की. इस दौरान मेराज ने आईटीआई भी कर लिया. लेकिन सेना में जाने का उनका सपना पूरा नहीं हो सका. जब वो सेना में नहीं जा सके तो उन्होंने खेती करने का फैसला किया. इसके बाद उन्होंने शिमला मिर्च की खेती के बारे में जानकारी हासिल की. उसके बाद इसमें जुट गए.
शिमला मिर्च की खेती का तरीका-
शिमला मिर्च की खेती के लिए रेतीली-दोमट मिट्टी की जरूरत होती है. ऐसी जगह पर इसकी खेती होती है, जहां जल निकासी की उचित व्यवस्था हो. मिट्टी का पीएच 6 होना चाहिए. शिमला मिर्च का पौधा 40 डिग्री तक के तापमान में हो सकता है.
इसके बीज की बिजाई से पहले 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रखना चाहिए. बीजों को 3-4 इंच की गहराई में दबाना चाहिए. इसके बाद खाद और पानी डालना चाहिए. रोपाई के 30-40 दिन के बाद पहली खाद दें. जब पौधों में फूल आने लगे, तब दूसरी बार खाद देना चाहिए. शिमला मिर्च के पौधों को सहारा देने के लिए लकड़ी का इस्तेमाल करें. इसके पौधों में सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन का इस्तेमाल करना चाहिए.
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