
Parrot Surgery (Representative Image/Unsplash)
Parrot Surgery (Representative Image/Unsplash) मध्य प्रदेश के सतना में एक पशु पालक का अजब-गजब प्रेम सामने आया है. पशु पालक की जान उसके तोते में बस्ती हैं. अब इसी 21 साल के तोते की सर्जरी हुई है. चंद्रभान कुशवाहा नाम के व्यक्ति ने तोते की जान बचाने के लिए वेटनरी डॉक्टरों की मदद ली. पक्षी प्रेमी की फरियाद सुनकर 800 ग्राम के तोते बिट्टू के गले से 98 ग्राम का ट्यूमर निकाला गया है.
ये ऑपरेशन एक घंटे में हुआ. बिट्टू के सफल ऑपरेशन से न सिर्फ पशुपालक चंद्रभान कुशवाहा की जान में जान आई है बल्कि अब सतना के वेटनरी हॉस्पिटल के डॉक्टर भी बेहद खुश हैं.
बहुत समय से बीमार था बिट्टू
अपने तोते बिट्टू के बीमार होने पर चंद्रभान काफी परेशान थे. बिट्टू के गले में गांठ थी और उसने बोलना बंद कर दिया था. ऐसे में परेशान तोता पालक वेटनरी हॉस्पिटल पहुंचा और उन्होंने डॉक्टरों से गुहार लगाई. डॉक्टरों ने इसे चुनौती की तरह लिया. उन्होंने 800 ग्राम के बिट्टू नाम के तोते की गर्दन का सफल ऑपरेशन कर 98 ग्राम का ट्यूमर निकाला है.
एक घंटे तक चली सर्जरी के बाद निकाले गए ट्यूमर को डॉक्टरों ने जांच के लिए रीवा भेज दिया है है. ऑपरेशन के बाद बिट्टू पूरी तरह से स्वस्थ है.
1 घंटे चला ऑपरेशन
सतना पशु चिकित्सालय के डॉ. बृहस्पति भारती और डॉ. बालेंद्र सिंह की टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. इस इलाके में यह अपनी तरह का पहला और सबसे मुश्किल ऑपरेशन था. डॉक्टर ने इसे लेकर कहा, “हम लोगों ने तोते का प्राइमरी चेकअप किया तो ट्यूमर दिखाई दिया. हमने इसे निकाल दिया है. अभी इसे लैब में भेजा गया है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि कहीं ये कैंसर तो नहीं है. तोता ठीक हो गया है, परिवार वाले भी काफी खुश हैं.”

तोते की बीमारी से घर में बढ़ गया तनाव
बता दें, सतना के मुख्तयरगंज में रहने वाले चंद्रभान विश्वकर्मा बीस साल से इस तोते को पाल रहे हैं. उनका पूरा परिवार तोते से बेहद करता है. बिट्टू की गर्दन के पिछले करीब 6 महीने पहले एक गांठ निकल आई थी. गांठ धीरे-धीरे बढ़ते हुए ट्यूमर बन गई और गर्दन के पीछे होते हुए दाहिनी आंख के नीचे आ गई. ट्यूमर होने से तोता बीमार हो गया. वह ठीक से खाना पीना और बोल भी नहीं पा रहा था. तोते की बीमारी से घर में तनाव बढ़ गया. बिट्टू की हालत देखकर चंद्रभान ने उसका ऑपरेशन करवाने का निर्णय लिया. अब तोता पूरी तरह से स्वस्थ है. उसे ऑब्जर्वेशन में रखा गया गया है.
20 साल पहले पेड़ के नीचे मिला था बिट्टू
चंद्रभान को ये तोता 20 साल पहले पेड़ के नीचे पड़ा हुआ मिला था. उन्होंने सोचा कि कहीं इसे कोई जानवर न खा ले. इसलिए वे इसे जेब में डालकर घर ले आए. कुछ दिन उसे अपने पास रखा और फिर उड़ा दिया, पर वह वापस आ गया. उन्होंने उसे उड़ाने का एक दो बार और प्रयास किया, लेकिन वह हर बार वापस घर आ जाता था. धीरे-धीरे वो परिवारवालों का चहेता हो गया. वह अब उनके परिवार का एक सदस्य ही बन गया है.
(वेंकटेश द्विवेदी की रिपोर्ट)