
बिहार के रहने वाले सोनू और उनके प्यारे पालतू डॉगी चार्ली की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. सोनू ने यूपी में सफर के दौरान चार्ली को घायल अवस्था में पाया था. सोनू ने चार्ली का इलाज कराया और फिर अपने सफर पर निकलने लगे. लेकिन चार्ली की वफादारी और स्नेह ने सोनू को आगे नहीं बढ़ने दिया. इसके बाद सोनू चार्ली को अपने साथ साइकिल पर लेकर एक नए सफर पर निकल पड़े.
चार्ली की वफादारी-
सोनू बताते हैं कि ट्रैवलिंग विथ क्यूट चार्ली. आई ऍम अडॉप्टेड इन यूपी. इसका एक्सीडेंट हो गया था. मैं हॉस्पिटल लेके गया और रिकवर किया. उसके बाद से ही ये मुझे नहीं छोड़ती. मैं अगर साइकिल लेके जाऊं तो ये मेरे पीछे-पीछे दौड़ती है. सोनू और चार्ली ने अब तक 12,000 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर पूरा कर लिया है. इस सफर में ना तो सोनू ने कभी चार्ली का साथ छोड़ा और ना ही चार्ली सोनू से दूर रह पाता है.
कई शहरों की यात्रा की-
सोनू और चार्ली की यात्रा दक्षिण से लेकर उत्तर तक पूरी हो चुकी है, जिसमें उन्होंने साउथ में रामेश्वरम से लेकर उत्तर में केदारनाथ और बद्रीनाथ तक का सफर पूरा किया. इस सफर के दौरान सोनू और चार्ली देश के कई शहरों में गए, जहाँ उन्होंने अपना अस्थाई बसेरा बनाया. लेकिन लोगों ने उनके इस सफर को अपने दिल में बसाया है.
सोशल मीडिया पर सफर की यादें-
सोनू ने इसके लिए बाकायदा इंस्टाग्राम पर 'सफर में राही' के नाम से अपना अकाउन्ट भी बनाया है. जिसपर सोनू और चार्ली के सफर की यादों को संजो कर रखा है. वाकई में स्नेह और वफादारी के धागे से जुड़ी सोनू और चार्ली की ये कहानी लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है.
सोनू और चार्ली की इस अद्भुत यात्रा ने लोगों के दिलों में जगह बनाई है. यह यात्रा वफादारी और स्नेह की मिसाल है. दुआएं यही है कि सोनू और चार्ली का ये सुहाना सफर यूं ही चलता रहे.
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