scorecardresearch

Village Transformation: अफसर बनने के बाद भी नहीं टूटा गांव से रिश्ता, पक्की सड़क से लेकर पानी के संरक्षण तक, बदली तस्वीर

मुंबई उपमुख्यमंत्री कार्यालय में ओएसडी अमोल पाटनकर पिछले कई सालों से अपने गांव की तस्वीर बदल रहे हैं. उनकी वजह से गांव में पक्की सड़कें, जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन जैसे काम हो पाए हैं.

Amol Patankar Amol Patankar
हाइलाइट्स
  • गांव में बनवाई पक्की सड़क 

  • अस्पताल शुरू करने पर काम 

महाराष्ट्र सरकार में अवर सचिव और वर्तमान में मुंबई में उपमुख्यमंत्री कार्यालय में OSD के पद पर तैनात अमोल पाटनकर को याद नहीं है कि उन्होंने आखिरी बार मुंबई में अपने परिवार के साथ कब वीकेंड बिताया था. अमोल अपने वीकेंड पर 550 किमी दूर अपने गांव में रहते हैं, जहां वो सकारात्मक बदलाव लाने के प्रयास में जुटे हैं.

अमोल का कहना है कि वह उस डोर को नहीं तोड़ सकते जो उन्हें उनके गांव और उसके लोगों से जोड़ती है. अफसर बनने के बाद वह हमेशा समाज को कुछ वापस देना चाहते थे. उनकी जिंदगी तो सुधर गई लेकिन गांवों में सुधार लाना बाकी है. इसलिए, कुछ समान विचारधारा वाले दोस्तों के साथ, उन्होंने अपने गांव और आसपास के क्षेत्रों में विकास परियोजनाएं शुरू करने के उद्देश्य से एक छोटा एनजीओ, 'अरुणावती मल्टीपर्पज ट्रस्ट' शुरू किया.

गांव में बनवाई पक्की सड़क 
अमोल का जन्म कोंडावली गांव में हुआ था जो वासिम जिले में पड़ता है. कुछ साल पहले तक यह गांव मुख्य सड़क से नहीं जुड़ा था. स्थानीय प्रशासन की सहायता से उन्होंने पक्की सड़क विकसित की है; अब सभी सरकारी बसें उनके गांव तक आती हैं. इससे कई छात्रों, विशेषकर लड़कियों को बहुत सुविधा हुई है, जिनकी उच्च शिक्षा में संख्या बढ़ी है. गांव के पास बहने वाली नदी को भी चौड़ा किया गया है और इसके पार विभिन्न स्थानों पर चेक डैम बनाए. इससे ज्यादा से ज्यादा बारिश का पानी स्टोर करने में मदद मिली और नतीजा ए हुआ कि गांव के भूजल स्तर में बढ़ोतरी हुई. 

अमोल ने अरुणा नदी में 60 नदी शाफ्ट विकसित किए, जिनमें से प्रत्येक लगभग 300 मीटर गहरे थे. गर्मियों के दौरान गांव की महिलाओं को पानी लाने के लिए चार से आठ किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता था. लेकिन नदी पुनर्जीवन परियोजना ने पानी की समस्या को खत्म करने में मदद की. अमोल ने प्राकृतिक रिवरफ्रंट विकसित करते हुए नदी के किनारे पेड़ लगाए.

अस्पताल शुरू करने पर काम 
अमोल ने कहा कि वे जल्द ही क्षेत्र में 50 बिस्तरों का अस्पताल शुरू करेंगे. स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिस पर बहुत अधिक काम करने की जरूरत है. गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने पर भी लोग डॉक्टरों के पास नहीं जा पाते. मुख्य कारण स्वास्थ्य देखभाल की लागत है; इसके अलावा ज्यादातर अस्पताल बड़े शहरों में हैं. लोग इतनी दूर यात्रा नहीं कर सकते. इसलिए शुरुआत में 50 बिस्तरों वाला अस्पताल शुरू किया जाएगा और बाद में इसे 100 बिस्तरों वाले अस्पताल में बदल दिया जाएगा. 

अमोल गांव और उसके निवासियों की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने गांव के सभी प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. सीसीटीवी कैमरे लगने से गांव के आसपास चोरी और अवैध गतिविधियों में कमी आई है. महिलाएं अब सीसीटीवी कैमरों से सुरक्षित महसूस करती हैं. वह एक जल फाउंडेशन विकसित करने की भी योजना बना रहे हैं. उनका लक्ष्य अपने स्थान को आध्यात्मिक और व्यावसायिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है. वे नदी के किनारे BOT मोड पर वाणिज्यिक नौकाएं शुरू कर रहे हैं और पुराने आध्यात्मिक ठिकानों को आधुनिक सुविधाओं के साथ फिर से बनाया जा रहा है.