Papaya Tree (Photo: Meta AI)
Papaya Tree (Photo: Meta AI) पपीता खाने में स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. इसमें ढेर सारे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. पपीता का सिर्फ फल ही नहीं बल्कि इसकी पत्तियां भी कई रोगों में लाभदायक होती है. पपीता का सेवन सभी लोगों को करना चाहिए. आप पपीता को घर की छत व गार्डन में भी उगा सकते हैं और ताजा फल खा सकते हैं. आइए जानते हैं कि पपीता को घर पर लगाने का आसान तरीका
कब लगाएं पपीते का पौधा
पपीता का पौधा लगाने का सही समय जून से अगस्त यानी मॉनसून के महीने का होता है. इस समय हवा और मिट्टी में नमी अधिक होती है. इससे पपीता का बीज तेजी से अंकुरित होता है और पौधा जल्दी बड़ा होने लगता है. इसके अलावा आप फरवरी से अप्रैल के बीच पपीते का पौधा लगा सकते हैं.
घर में इन चीजों में लगा सकते हैं पपीते का पौधा
पपीते का पौधा आप घर में किसी गमले, बाल्टी या ग्रो बैग्स में लगा सकते हैं. आप पपीता को सीधे गार्डन में भी लगा सकते हैं. पपीते का पौधा गमले में लगाने के लिए बड़े गमले का इस्तेमाल करें. गमले, बाल्टी या ग्रो बैग्स में पपीता को पौधा लगाने से पहले नीचे की तरफ बड़ा छेद कर दें ताकि पानी बाह निकल सके और पौधे की जड़ों में न भरे.
बीज या पौधे का कर सकते हैं इस्तेमाल
घर पर पपीता उगाने के लिए आप इसके बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं या बाजार से छोटा पौधा खरीद सकते हैं. पपीते के बीज का इस्तेमाल करना है तो सबसे पहले पका पपीता लें. इसके बाद इसके बीज को धोकर गूदे से अलग कर लें. इस बीजों को छांव में एक से दो दिन तक रहने दें. इसके बाद बोने में इसका इस्तेमाल करें. ध्यान रखें पपीता के कच्चे फलों के बीजों का इस्तेमाल न करें क्योंकि कच्चे फलों के बीजों के अंकुरित होने की संभावना बहुत ही कम होती है.
मिट्टी करें तैयार
पपीते के पौधे के लिए 6.0 से 6.5 के पीएच स्तर वाली अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी अच्छी मानी जाती है. मिट्टी में गोबर और थोड़ा बालू का मिश्रण मिला दें. पौधे का अच्छी तरह से विकास हो इसलिए मिट्टी में कोकोपीट, कंपोस्ट (वर्मीकंपोस्ट, किचन कंपोस्ट) और गोबर की खाद आदि को बराबर मात्रा में मिला दें. अब इस मिट्टी को गमले, ग्रो बैग या बाल्टी में जो छेद बनाया था, उसके ऊपर एक पत्थर रखकर भर दें. इस तरह गमले में पपीता लगाने के लिए मिट्टी तैयार हो जाएगी.
ऐसे बोएं बीज
अब गमले में भरी मिट्टी में 1 इंच गहरा गड्डा खोदें और उसमें बीज डालें. बीज को मिट्टी से ढंक दें और धीरे से नीचे दबा दें. मिट्टी को अच्छी तरह से पानी दें, लेकिन सावधान रहें कि ज़्यादा पानी न दें, क्योंकि इससे जड़ सड़ सकती है. ध्यान रखें कि एक गमले, ग्रो बैग या कंटेनर में सिर्फ एक ही पौधा लगाएं. इससे जड़ों को फैलने और ग्रो करने में परेशानी नहीं होती है.
ऐसे करें देखभाल
पपीते के पौधे में रोजाना थोड़ा-थोड़ा पानी दें. समय-समय पर प्लांट में गोबर की खाद, कंपोस्ट और नीम-सरसों की खली डाल सकते हैं. यह ध्यान रखें कि हर दिन पौधे को 6 से 8 घंटे की सीधी धूप मिले. कीड़ों से बचाने के लिए हर 10–15 दिन में नीम के तेल का छिड़काव करें और सूखे या कीड़े लगे हुए पत्तों को हटा दें. जब पौधा बड़ा होकर फल देने लगे तो उसे लकड़ी या बांस से सहारा दें. पपीते के पेड़ में फल 6 से 8 महीने बाद आना शुरू हो जाते हैं. इसमें फल आने के बाद पूरी तरह पकने में 2–3 महीने और लगते हैं.