
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के बांकपुरा गांव के रहने वाले रामगोपाल के पैरों तले ज़मीन तब खिसक गई जब वह एक लुटेरी दुल्हन का शिकार हो गया. वह लुटेरी दुल्हन कोर्ट और मंदिर में शादी के एक घंटे बाद ही दुल्हे और उसके परिवार को चकमा देकर फरार हो गई. इसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत थाने में की जिसके बाद पुलिस ने लुटेरी दुल्हन सहित तीन आरोपियों के खिलाफ शादी के नाम पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
क्या है पूरा मामला?
इस पूरे मामले में ब्यावरा सिटी थाने के सब इंस्पेक्टर छत्रपाल सिंह ने बताया कि फरियादी बांकपुरा गांव निवासी रामगोपाल पिता हजारी लाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई की. दरअसल कालीपीठ थाना क्षेत्र के महाबल गांव में गोकुल वर्मा नाम का एक व्यक्ति रहता था जो शादियों के लिए रिश्ते जोड़ने का काम करता था. गोकुल ने पीड़ित के पिता हजारी लाल से कहा कि वह उनके बेटे के लिए एक रिश्ता ढूंढकर लाया है.
गोकुल ने बताया कि लड़की का नाम दिव्या है और उसके पिता हरीश कुमार भोपाल के रहने वाले हैं. गोकुल ने कहा कि वह और उसके साढ़ू जमनालाल यह शादी करवा देंगे लेकिन उसके लिए हज़ारी लाल को दो लाख रुपए का इंतज़ाम करना होगा. हज़ारी लाल ने बेटे की शादी के लिए जैसे-तैसे दो लाख रुपए का इंतज़ाम किया. इसके बाद गोकुल और जमनालाल ने रामगोपाल को लड़की की फोटो दिखाई.
शादी के बाद भागी दुल्हन
रामगोपाल को लड़की पसंद आने पर ब्यावरा में अंजनीलाल मंदिर से शादी करने तय हुई. रामगोपाल और दिव्या ने पहले कोर्ट में ज़रूरी डॉक्युमेंटेशन करवाया गया. सारी रस्में पूरी होने के बाद रिश्तेदारों की मौजूदगी में मंदिर में शादी हुई. शादी की सभी रस्में अदा की गईं. यहां हजारी लाल ने गोकूल और जमनालाल को दो लाख रुपए दिए. दुल्हन को शादी के लिए गहने दिए ही गए थे. पैसे हाथ में आते ही चपत लगाने का खेल शुरू हो गया.
इसके बाद विदाई का समय आया तो गोकुल और जमनालाल ने कहा कि वे दुल्हन को फ्रेश करवाने के लिए ले जा रहे हैं. यहां बाराती दुल्हन के लौटने का इंतज़ार करते रहे और वहां तीनों आरोपी फरार हो गए. इस पूरे मामले में घटना के बाद पीड़ित ने सिटी थाने में शिकायत दर्द की है. पुलिस ने आरोपी लुटेरी दुल्हन दिव्या भावभानी, गोकुल और जमनालाल के खिलाफ बीएनएस के तहत धारा 318, 351, के तहत मामला दर्ज कर पुलिसम ने जांच शुरू कर दी है.