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Ujjain: फंदे पर झूल रहा था शख्स, SHO ने CPR देकर बचाई जान

मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक शख्स ने कमरे में फांसी लगा ली. गश्त पर निकले पुलिसवालों को इसकी जानकारी मिली तो वो फौरन मौके पर पहुंचे. थाना प्रभारी ने फौरन युवक को सीपीआर दी और उसकी जान बचाई.

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कहा जाता है कि जीवन मरण सब परमात्मा के हाथ होता है, जब तक जिन्दगी लिखी है, तब तक मौत कुछ नहीं बिगाड़ सकती. इसका एक उदाहरण मध्य प्रदेश के उज्जैन के नागदा में देखने को मिला. जहां फांसी पर झूल चुके युवक की जान बचा ली गई. इसमें सबसे बड़ी भूमिका एसएचओ की रही. उन्होंने मौके पर सीपीआर देकर उनकी जान बचाई.

परिवार ने मान लिया था मृत, SHO ने बचाई जान-
फंदे पर लटके युवक को उसके परिजनों ने मृत मान लिया था. मौके पर रोना बिलखना भी शुरू हो गया था. लेकिन एक पुलिस अधिकारी ने सीपीआर तकनीक का प्रयोग करते हुए उस युवक की जान बचा ली, जिसका वीडियो भी सामने आया है. जी हां, ये घटना पुलिस की सूझबूझ एवं मानवीय संवेदनशीलता का सराहनीय उदाहरण है. 

गश्त पर निकले SHO को मिली जानकारी-
नागदा थाने के प्रभारी अमृतलाल गवरी रोज की तरह नियमित गश्त पर निकले थे. तभी रात करीब डेढ़ बजे घबराया हुआ एक व्यक्ति उनके पास आया और बोला कि उनके पुत्र ने फांसी लगा ली है. सूचना की गंभीरता को समझते हुए थाना प्रभारी अमृतलाल बगैर देरी किए अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. जहां पाया कि युवक ने अंदर से दरवाजा बंद किया हुआ है और वह फंदे पर झूल रहा है. 

दरवाजा तोड़कर पुलिस की एंट्री-
पुलिस टीम ने दरवाजा तोड़कर कमरे में प्रवेश किया और युवक धैर्य यादव को फांसी के फंदे से नीचे उतारा. जिस स्थिति में धैर्य फंदे पर लटका मिला, उसे देखकर परिजनों ने युवक को मृत मान लिया था और रोना-बिलखना भी शुरू हो गया था, लेकिन थाना प्रभारी अमृतलाल गवरी ने हार नहीं मानी और जीवन रक्षा के लिए अपने प्रशिक्षण में अर्जित सीपीआर तकनीक का प्रयोग करते हुए एक प्रयास किया, नतीजतन युवक की सांस लौट आई और उसकी जान बच गई. इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है, जिसे लेकर पुलिस की खूब सराहना भी हो रही है.

अपनी गाड़ी में अस्पताल ले गए थाना प्रभारी-
सीपीआर देने पर युवक की सांस लौटते ही, थाना प्रभारी खुद उसे अपनी गाड़ी में डालकर अस्पताल ले गए. जहां प्राथमिक उपचार के बाद धैर्य यादव को रतलाम हॉस्पिटल भेज दिया गया, जहां उसका उपचार जारी है और फिलहाल वो पूरी तरह स्वस्थ्य है. अपने बच्चे की जान बच जाने के बाद परिवारजनों ने थाना प्रभारी अमृतलाल गवरी एवं नागदा पुलिस के धन्यवाद देते नहीं थक रहे. बहरहाल इस घटना ने नागदा पुलिस के कर्तव्यनिष्ठ, सजग एवं समाज के प्रति संवेदनशीलता प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है. टीआई गवरी के तत्परता, साहस, संवेदनशीलता एवं उच्च स्तरीय दक्षता प्रदर्शित करने के लिए डीजीपी कैलाश मकवाना द्वारा टीआई को उत्साहवर्धन के लिए 10,000 रूपए नगद पुरस्कृत देने की घोषणा की गई है.

(संदीप कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट)

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